नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि अगर यूनिटेक घर खरीदारों को उनका पैसा लौटाना चाहता है, तो अदालत रिसीवर के रूप में एक कोर्ट आयुक्त की नियुक्ति कर सकता है। यूनिटेक कंपनी को घर खरीदारों को 7600 करोड़ रुपये लौटाने हैं।
रिसीवर मुकदमे के अधीन संपत्ति का सरकारी प्रबंधकर्ता होता है।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अमिताव रॉय और न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर की पीठ ने कहा कि वे घर खरीदारों को उनके पैसे लौटाने के लिए यूनिटेक की संपत्ति की नीलामी भी करेंगे।
अदालत ने कहा कि जैसा कि न्यायमित्र पवन अग्रवाल ने अदालत को बताया कि इस रियल स्टेट कंपनी के 61 प्रोजेक्ट के अंतर्गत, 16,300 फ्लैट खरीदारों ने कुल 7,816 करोड़ का निवेश किया है।
प्रधान न्यायाधीश मिश्रा ने कहा, “हम यूनिटेक की संपत्ति नीलाम करेंगे”
वहीं यूनिटेक के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा के वकील ने अदालत से उन्हें छह महीने के लिए जेल से बाहर आने देने का आग्रह किया। वकील ने कहा कि बाहर आने के बाद वह फ्लैटों का निर्माण करेंगे और जो घर नहीं खरीदना चाहते हैं, उन्हें उनका पैसा वापस कर दिया जाएगा।
चंद्रा के वकील अभिमन्यु भंडारी ने पीठ से चंद्रा के हवाले से कहा, “मुझे पैसे जमा करने के लिए छह माह का समय दे। मुझे अपना व्यापार चक्र शुरू करने दे। मेरे खिलाफ 272 करोड़ के न्यायिक निर्णय के बाद, मैंने 141 करोड़ रुपये दे दिए हैं।”
भंडारी ने अदालत से चंद्रा को ऑफिस जाने देने की इजाजत देने का आग्रह करते हुए कहा कि पूरे विश्व में रियल स्टेट कंपनी पूंजी खो रही है, लेकिन केवल चंद्रा ही इस मामले में जेल में बंद हैं।