नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम को ऑपरेशन गंगा के तहत युद्ध प्रभावित यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने की प्रगति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
पिछले 24 घंटों में इस मामले पर हुई यह तीसरी और रविवार शाम के बाद चौथी बैठक है।
प्रतिभागियों ने बैठक की शुरूआत कर्नाटक के एक मेडिकल छात्र नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर के दुखद निधन पर दुख व्यक्त करने के साथ की, जो मंगलवार को यूक्रेन के खारकीव रूसी गोलाबारी में मारा गया।
सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी को निकासी की स्थिति के बारे में बताया गया। इसके अलावा उन्हें बताया गया कि अब तक 1,750 से अधिक भारतीय छात्र देश लौट चुके हैं।
उन्हें यह भी बताया गया कि केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, किरेन रिजिजू और जनरल (सेवानिवृत्त) वी. के. सिंह निकासी प्रयासों की निगरानी के लिए सरकार के विशेष दूत के रूप में क्रमश: बुडापेस्ट (हंगरी), वारसॉ (पोलैंड) और ब्रातिस्लावा (स्लोवाकिया) गए हैं, जबकि नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मंगलवार की शाम एयर इंडिया की उड़ान से बुखारेस्ट (रोमानिया) के लिए रवाना हुए हैं।
पता चला है कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने प्रधानमंत्री को पिछले 24 घंटों में निकासी कार्यों के लिए सरकार के प्रयासों में तेजी के बारे में जानकारी दी, जबकि विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मोदी को भारतीय दूतावासों द्वारा हंगरी, स्लोवाकिया, रोमानिया और पोलैंड में की गई व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी, जो यूक्रेन की सीमा से सटे हुए देश हैं।
मोदी ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से यूक्रेन के साथ लगते सीमावर्ती इलाकों में युद्ध प्रभावित देश से इन देशों में आने वाले छात्रों के लिए उचित व्यवस्था करने को कहा था।