जेरूसलम, 17 जनवरी (आईएएनएस)। इजरायल अपने खिलाफ फिलिस्तीन की धरती पर ‘युद्ध अपराध’ के आरोपों की जांच के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) के फैसले से भड़क गया है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू ने शनिवार को इसकी निंदा करते हुए कहा कि न्यायालय अपनी सीमाएं लांघ रहा है।
‘सीएनएन’ के अनुसार, नेतनयाहू ने कहा, “फिलिस्तीन प्रशासन कोई देश नहीं है और इसलिए न्यायालय के ही नियमों के तहत इस तरह के मामलों की जांच के लिए यह उसके क्षेत्राधिकार में नहीं आता। “
अमेरिका ने भी न्यायालय के फैसले से असहमति जताई है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “जैसा कि हमने पूर्व में कई बार कहा है कि हमें नहीं लगता कि फिलिस्तीन एक देश है और इसलिए हम नहीं मानते कि यह आईसीसी में शामिल होने के योग्य है।”
इसने दोनों पक्षों से बातचीत के जरिए मामला सुलझाने की अपील की है। बयान में कहा गया है, “हम इजरायल के खिलाफ कार्रवाई का विरोध करते रहेंगे, क्योंकि यह आईसीसी के शांति के उद्देश्य के प्रतिकूल है।”
आईसीसी की वकील फातो बेनसोदा ने कहा कि उनका कार्यालय निष्पक्षता के साथ मामले की जांच करेगा।
इससे पहले इजरायली विदेश मंत्री अविग्दोर लिबरमैन ने आईसीसी के फैसले की निंदा की थी।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पिछले साल जुलाई और अगस्त में 50 दिनों तक गाजा पर किए गए हमले के दौरान 400 बच्चों सहित करीब 2,200 लोगों की मौत हो गई थी।
न्यायालय इस संघर्ष के दौरान इजरायल की तरफ से किए गए कथित युद्ध-अपराध की जांच करेगा।
आईसीसी का गठन 2002 में जनसंहार, मानवता के खिलाफ अपराध और युद्ध अपराध जैसे मामलों की सुनवाई के लिए किया गया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।