कश्मीर-जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक को टेरर फंडिंग के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। कुछ देर पहले ही यासीन को हवालात से कोर्टरूम लाया गया था। उसे बैठने के लिए चेयर दी गई। यासीन मलिक की सजा पर दोपहर 3.30 बजे फैसला आना था। फिर इसे 4 बजे तक टाल दिया गया। अब फैसला आ गया है।
यासीन मलिक को टेरर फंडिंग के दो मामलों में उम्रकैद की सजा मिली है। मलिक पर 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।इस बीच कोर्ट के बाहर लोग तिरंगा लेकर पहुंच गए। श्रीनगर के पास मैसुमा में यासीन मलिक के घर के पास समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प की खबर सामने आई है। यहां पत्थरबाजी के बाद हालात काबू करने के लिए सुरक्षाकर्मियों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। मलिक के घर के आसपास सुरक्षाबल के जवान तैनात हैं। ड्रोन से इलाके की निगरानी की जा रही है।
यासीन मलिक को करीब सवा 11 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट लाया गया। सुनवाई के शुरू में ही NIA ने फांसी की सजा की मांग की। इसके बाद जज ने दोपहर 3.30 बजे तक के लिए फैसला सुरक्षित कर रख लिया। पिछली सुनवाई में आतंकी फंडिंग के लिए गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत सभी आरोपों का दोषी ठहराया गया था। खुद यासीन मलिक ने जुर्म कबूल लिया है। यासीन मलिक की सजा से पहले श्रीनगर के कुछ हिस्सों में आंशिक बंद देखा जा रहा है।