आगरा, 11 सितम्बर (आईएएनएस)। आगरा में राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने नौ कॉलोनियों और तीन बिल्डरों पर ‘प्रदूषणकर्ता भरपाई करें’ पहल के तहत 1.41 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
जुर्माने की अनुमानित कीमत मलजल उपचार संयंत्र की एक पाइप लाइन की लागत जितनी है। इसके अलावा, आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) ने शुक्रवार को बिल्डरों और कॉलोनियॉ बनाने वालों को नोटिस जारी किया।
एनजीटी का आदेश गुरुवार को तब आया, जब याचिकाकर्ता पर्यावरणविद् डी.के. जोशी को यमुना नदी में सीधे कचरे और सीवर की पाइपलाइन के पर्याप्त सबूत मिले।
पिछले महीने एनजीटी ने नदी की तलहटी में ठोस कचरा पाटने के लिए आगरा नगर निगम पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था, जिसे निगम के अधिकारियों को भरना है।
मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी।
याचिकाकर्ता डी.के. जोशी ने एनजीटी के आदेश का स्वागत किया और कहा कि वह नदी में प्रदूषण रोकने और पूरे साल यमुना में न्यूनतम प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए चिंतित है।
जोशी ने कहा, “जिन लोगों ने नदी को, पूरे ब्रज मंडल की जीवनरेखा नष्ट किया है, उनकी जल्द ही पहचान की जाएगी और कानून अपना काम करेगा।”