उन्होंने कहा, “बर्मा (म्यांमार) की हालत इस समय बेहद नाजुक है। मुसलमानों पर चारों तरफ से यलगार है। बच्चों व महिलाओं की अंधाधुंध हत्या की जा रही है। लेकिन अफसोस की बात है विश्व समुदाय चुप है, कोई भी बर्मा में मुसलमानों के साथ नहीं है।”
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र म्यांमार में मुसलमानों की हत्या और खून पर पहले भी चुप था, अभी भी चुप है।
गुजरात में वर्ष 2002 में हजार के लगभग बेकसूर इंसानों के हुए कत्लेआम को नजरअंदाज करते हुए मौलाना जव्वाद ने कहा कि भारत सरकार को चाहिए कि वह म्यांमार के मामलों में हस्तक्षेप करे और मुसलमानों की हत्या बंद कराने की कोशिश करे। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्था मानवता की हत्या पर चुप क्यों है?
मौलाना ने कहा कि शुक्रवार को नमाजे जुमा के बाद आसिफ मस्जिद में म्यांमार में मुसलमानों के संहार के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन होगा।