भोपाल- मध्य प्रदेश में मोहन कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। बैठक के बाद फैसलों की जानकारी डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने मीडिया को दी। डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि नगरीय निकाय में अब 3 साल में अविश्वास प्रस्ताव आएगा। यानी नगर पालिका अध्यक्ष 3 साल के पहले नहीं हटेगा।
कैबिनेट बैठक के दौरान मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 43 में संशोधन का प्रस्ताव पास हो गया है। इसके तहत अब अविश्वास प्रस्ताव के लिए अब तीन चौथाई बहुमत जरूरी होगा। कैबिनेट के इस फैसले को कांग्रेस ने अलोकतांत्रिक करार दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने कहा कि यह फैसला न सिर्फ अलोकतांत्रिक बल्कि अव्यवहारिक भी है।
त्रिपाठी ने कहा कि मोहन यादव सरकार कैबिनेट में मनमाने फैसले ले रही है। अविश्वास के लिए तीन चौथाई बहुमत जुटाना संभव है क्या? ईडी, सीबीआई, आईटी और सेबि की मदद के बगैर यह नहीं हो सकता। निकायों में अविश्वास प्रस्ताव के संबंध में फैसला लेने से पहले जनप्रतिनिधियों से राय ली गई क्या? अविश्वास प्रस्ताव के लिए दो साल के बैरियर को बढ़ाकर तीन साल किया जाना भी ठीक नहीं है।
इसके अलावा कैबिनेट बैठक में यह भी तय हुआ है कि जिन संभागीय मुख्यालय में अभी ईओडब्ल्यू के पुलिस अधीक्षक कार्यालय नहीं है, वहां दफ्तर खोले जाएंगे, और पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी के पदस्थापना की जाएगी। साथ ही सभी मंत्रियों को अब प्रभार वाले जिलों में रात्रि विश्राम करना होगा। मंत्री चाहें तो रात्रि विश्राम जिला मुख्यालय या किसी जनपद और ग्रामीण क्षेत्र में भी कर सकते हैं।