Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 मोदी सरकार ने सात साल में पेट्रोलियम क्षेत्र से कमाई में 4.92 लाख करोड़ रुपये कमाये | dharmpath.com

Saturday , 23 November 2024

Home » भारत » मोदी सरकार ने सात साल में पेट्रोलियम क्षेत्र से कमाई में 4.92 लाख करोड़ रुपये कमाये

मोदी सरकार ने सात साल में पेट्रोलियम क्षेत्र से कमाई में 4.92 लाख करोड़ रुपये कमाये

August 4, 2022 8:22 pm by: Category: भारत Comments Off on मोदी सरकार ने सात साल में पेट्रोलियम क्षेत्र से कमाई में 4.92 लाख करोड़ रुपये कमाये A+ / A-

राज्यसभा में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2014 में भाजपा के सत्ता में आने से पहले पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर था. यह मई, 2020 में रिकॉर्ड वृद्धि के साथ क्रमश: 32.98 रुपये और 31.83 रुपये प्रति लीटर हो गया. केंद्र ने 2014-15 में पेट्रोलियम क्षेत्र में शुल्क और करों से 1.72 लाख करोड़ रुपये कमाए थे, जो 2021-22 में बढ़कर 4.92 लाख करोड़ रुपये हो गए.

नई दिल्ली: वर्ष 2014 में भाजपा के सत्ता में आने से पहले पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर था. यह मई, 2020 में रिकॉर्ड वृद्धि के साथ क्रमश: 32.98 रुपये और 31.83 रुपये प्रति लीटर हो गया. उच्च सदन को यह जानकारी दी गई.

सोमवार (एक जुलाई) को राज्यसभा में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली के एक लिखित उत्तर के अनुसार, नवंबर, 2021 और मई, 2022 के बीच पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: 13 रुपये प्रति लीटर और 16 रुपये की कटौती की गई थी.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2014-15 में पेट्रोलियम क्षेत्र में शुल्क और करों से 1.72 लाख करोड़ रुपये कमाए, जो वर्ष 2021-22 में बढ़कर 4.92 लाख करोड़ रुपये हो गए.

राज्यों को इस क्षेत्र का योगदान 1.6 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2.82 लाख करोड़ रुपये हो गया.

तेली के जवाब के अनुसार, सात साल की अवधि के दौरान केंद्र सरकार की पेट्रोलियम क्षेत्र से आय में 186 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि राज्यों को इस क्षेत्र से 75 प्रतिशत अधिक राजस्व प्राप्त हुआ.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में गिरावट से होने वाले लाभ को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार ने नवंबर, 2014 और जनवरी, 2016 के बीच 10 मौकों पर पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाया.

कुल मिलाकर, पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 12 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13.77 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई.

सरकार ने अक्टूबर, 2017 में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की. एक साल बाद पेट्रोल पर फिर से दो रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 1.5 रुपये की कटौती की गई.

जवाब में बताया गया है कि जुलाई 2019 में, कर में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई.

महामारी की शुरुआत के बाद जब वर्ष 2020 में अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें टूट गईं, तो सरकार ने मार्च, 2020 और मई, 2020 के बीच दो किस्तों में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 13 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 16 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की.

ये बढ़ोतरी नवंबर, 2021 और मई, 2022 में वापस ले ली गई थी. पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क अब 19.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 15.80 रुपये है.

तेली ने एक अलग जवाब में कहा, ‘पेट्रोल और डीजल की कीमतें क्रमशः 26 जून, 2020 और 19 अक्टूबर, 2014 से बाजार-से निर्धारित होने वाली बना दी गई हैं. तब से, सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियां (ओएमसी) पेट्रोल और डीजल के मूल्य निर्धारण पर उचित निर्णय लेती हैं.’

मालूम हो कि पिछले साल अगस्त में केंद्र सरकार ने बताया था कि 2014-15 से 2020-21 के बीच सरकार ने जनता से पेट्रोल-डीज़ल पर 14.4 लाख करोड़ रुपये का उत्पाद शुल्क वसूला.

19 जुलाई 2021 को केंद्र सरकार ने बताया था कि पिछले वित्त वर्ष में पेट्रोल-डीजल पर केंद्र की ओर से लगाए जाने वाले उत्पाद शुल्क के जरिये राजस्व का संग्रह 88 प्रतिशत बढ़कर 3.35 लाख करोड़ रुपये हो गया.

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने लोकसभा में बताया था कि वित्त वर्ष 2020-21 में पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क का संग्रह बढ़कर 3.35 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो इससे एक साल पहले 1.78 लाख करोड़ रुपये था.

वहीं, 2018-19 में पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क के जरिये 2.13 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का संग्रह हुआ था.

मोदी सरकार ने सात साल में पेट्रोलियम क्षेत्र से कमाई में 4.92 लाख करोड़ रुपये कमाये Reviewed by on . राज्यसभा में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2014 में भाजपा के सत्ता में आने से पहले पेट्रोल पर उत्पा राज्यसभा में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2014 में भाजपा के सत्ता में आने से पहले पेट्रोल पर उत्पा Rating: 0
scroll to top