नई दिल्ली: कांग्रेस ने मंगलवार (20 फरवरी) को सुप्रीम कोर्ट के उस अंतरिम आदेश की सराहना की, जिसमें राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 1996 के फैसले में शीर्ष अदालत द्वारा निर्धारित ‘वन’ की परिभाषा के अनुसार कार्य करने के लिए कहा गया है और कहा कि केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर वह वनों और पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर अपने ‘कॉरपोरेट मित्रों’ को लाभ पहुंचाने के लिए भारत के जंगलों को उन्हें सौंपने और पर्यावरण को प्रदूषित करना आसान बनाने के लिए कानूनों में बदलाव करने का आरोप लगाया.
जयराम रमेश ने सोशल साइट एक्स पर एक लंबी पोस्ट में कहा कि चुनावी बॉन्ड घोटाले के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार की एक और घोर अवैध और विनाशकारी योजना पर रोक लगा दी है.
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री अपने कॉरपोरेट पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए भारत के जंगलों को सौंपना और पर्यावरण को प्रदूषित करना आसान बनाना चाहते थे. इसलिए सबसे पहले उन्होंने 2017 में नियमों में बदलाव किया, ताकि वन मंजूरी का उल्लंघन करने वाली परियोजनाओं को वैध बनाया जा सके.’