रांची, 15 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास पर राज्य में आदिवासियों की जमीन पर उनके अधिकार के बारे में झूठ बोलने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि दोनों ने जनजातीय लोगों से वादा किया था कि उनके भूमि अधिकारों की रक्षा की जाएगी, लेकिन इसके विपरीत दो भूमि अधिनियमों में बदलाव के लिए एक अध्यादेश लाया गया है।
सोरेन ने यहां एक संवादाता सम्मेलन में कहा, “मोदी ने संथाल परगना की एक सार्वजनिक रैली में वादा किया था कि अभी तक कोई पैदा नहीं हुआ है जो आदिवासियों से उनकी जमीन छीन सके। यहां तक कि रघुवर दास कह रहे हैं कि उनके पिता भी छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम और संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम में बदलाव नहीं कर सकते। तब बदलाव के लिए अध्यादेश क्यों?”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “दोनों ने लोगों से झूठ बोला, भाजपा की अगुवाई वाली राज्य सरकार ने दोनों अधिनियमों में बदलाव के लिए एक अध्यादेश लाया है, जिसके प्रभावी होने के बाद आदिवासियों की जमीन का इस्तेमाल गैर-कृषि कार्यो के लिए किया जा सकेगा।”
झामुमो मुखिया ने कहा कि यहां तक कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने भी इस अध्यादेश का विरोध किया है और झारखंड के मुद्दों का संविधान की पांचवीं अनुसूची में किए गए जिक्र का हवाला देते हुए कहा है कि इन दोनों कानूनों में बदलाव करना अनुचित होगा।
सोरेन ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास दिल्ली, मुंबई और दूसरे शहरों में रोड शो करके निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं, लेकिन उन संभावित निवेशकों पर क्या असर पड़ेगा, जब उन्हें सच्चाई का पता चलेगा कि विवाद की वजह राज्य में जमीन का मुद्दा नहीं है।
झामुमो दो भूमि अधिनियमों में अध्यादेश के जरिए बदलाव के प्रस्ताव का विरोध कर रही है। झारखंड का मानसून सत्र इसी मुद्दे की भेंट चढ़ गया था।
यहां तक कि भाजपा की सहयोगी ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन ने भी प्रस्तावित भूमि कानूनों में बदलाव का विरोध किया है।