नई दिल्ली, 23 सितम्बर (आईएएनएस)। कांग्रेस ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने एक उद्योगपति को नए सौदे की जानकारी उपलब्ध कराकर गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन किया है, जो बाद में एचएएल के स्थान पर ऑफसेट साझेदार बन गया।
अरुण जेटली की तरफ से एक बार फिर 36 राफेल विमानों की खरीद का बचाव करने के कुछ घंटे बाद, कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने प्रधानमंत्री के ऊपर लगे आरोपों का उनसे जवाब मांगा।
शर्मा ने मोदी के अप्रैल 2015 में 126 विमानों के बदले 36 विमानों को खरीदने के अंतरसरकारी सौदे की घोषणा के मद्देनजर कहा, “प्रधानमंत्री से सवाल यह है कि कैसे यह सूचना बाहर आई कि वह फ्रांस जाएंगे और सौदा बदलेंगे?”
उन्होंने कहा, “तब के विदेश सचिव एस. जयशंकर ने कहा था कि मोदी के फ्रांस दौरे के दौरान राफेल सौदा सरकार के एजेंडे में नहीं था। नए सौदे की घोषणा के बारे में कोई नहीं जानता था। यहां तक कि सुरक्षा पर मंत्रिमंडलीय समिति, भारतीय वायुसेना, मंत्रिमंडल और विदेश सचिव को भी इस निर्णय की जानकारी नहीं थी।”
शर्मा ने कहा, “सीधा आरोप प्रधानमंत्री के खिलाफ है कि उन्होंने गोपनीयता की अपनी शपथ का उल्लंघन किया। उनके अलावा किसी ने भी निजी कंपनी को यह जानकारी नहीं दी होगी कि वह सौदे को बदलने वाले हैं।”
कांग्रेस नेता ने कहा, “यह साजिश है। केवल एक व्यक्ति को सौदे की जानकारी थी-बिना मंत्रिमंडल को बताए, बिना राजदूत को बताए उन्होंने उद्योगपति को सौदे की जानकारी दे दी और उनसे नई कंपनी बनाने को कहा।”
शर्मा ने कहा कि ‘सदी के इस घोटाले’ का वैश्विक प्रभाव होगा।
उन्होंने कहा, “हमने प्रधानमंत्री को चेताया था कि इस घोटाले का वैश्विक स्तर पर प्रभाव होगा। यह भारत की भौगोलिक सीमा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि विश्व की राजधानियों में गूंजेगा, और यही हो रहा है।”
शर्मा ने कहा, “प्रधानमंत्री ने चुप्पी क्यों साध रखी है? वह सभी विषयों पर बोलते हैं, वह भाजपा और सरकार के मुख्य कैंपेनर हैं। इसलिए जब आरोप उनके खिलाफ हैं, तो उन्हें जवाब देना चाहिए, न कि उनके बदले किसी और को।”