नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भारतीय खिलाड़ियों को, खासतौर पर ‘भारत की बेटियों’ को बधाई दी, जिन्होंने रियो ओलम्पिक्स में अच्छा प्रदर्शन किया। प्रधानमंत्री ने साथ ही कहा कि देश के खेल प्रदर्शन में सुधार की जरूरत है।
मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में देश को संबोधित करते हुए कश्मीर, सफाई, गंगा संरक्षण और पर्यावरण समेत कई मुद्दों को छुआ।
मोदी ने हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद को उनकी 111वीं जयंती की पूर्व संध्या पर और 4 सितंबर को संत की उपाधि से विभूषित होने जा रहीं मदर टेरेसा को श्रद्धांजलि दी।
रियो ओलम्पिक्स में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को बधाई देते हुए मोदी ने कहा कि खेलों को समय की बर्बादी के रूप में नहीं देखना चाहिए और राज्य सरकारों को कम से कम दो खेलों को बढ़ावा देना चाहिए।
उन्होंने कहा, “हालांकि हम केवल दो पदक ही जीत पाए, लेकिन हमारे कई खिलाड़ियों ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है.. लेकिन हमें और बेहतर करना है। अगर हम वही करते रहे जो पहले करते रहे हैं, तो हमें फिर से निराशा हाथ लगेगी।”
उन्होंने कहा कि खेलों में सुधार के लिए उन्होंने एक समिति का गठन किया है। यह बताएगी कि 2020,2024 और 2028 के ओलम्पिक्स में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए क्या किए जाने की जरूरत है।
मोदी ने कश्मीर मुद्दे पर कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ चर्चा में ‘एकता’ और ‘करुणा’, ये दो शब्द उभरकर सामने आए।
मोदी ने कहा, “विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ मेरी बातचीत में एक चीज उभरकर सामने आई। कश्मीर में हमारी नीति के मुख्य बिंदु एकता और करुणा हों।”
उन्होंने घाटी में तनाव उत्पन्न करने के लिए बच्चों का सहारा लेने वालों की कड़ी आलोचना की।
मोदी ने कहा, “बच्चों की आड़ लेकर समस्याएं पैदा करने वालों को एक दिन इन मासूम बच्चों को जवाब देना होगा।”
मोदी ने पर्यावरण के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए लोगों से गणेश चतुर्थी और दुर्गा पूजा उत्सवों के दौरान प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से बनी प्रतिमाएं न खरीदने का आग्रह किया।
मोदी ने कहा, “उत्सव आत्म मूल्यांकन का समय होते हैं और उनमें समय के साथ बदलाव होना चाहिए। पीओपी की मूर्तियों के विसर्जन के कारण पर्यावरण को क्षति पहुंचती है। आइए, हम अपनी पुरानी परंपराओं की ओर लौटें और तालाब की मिट्टी की बनी प्रतिमाएं अपनाएं।”
मदर टेरेसा को श्रद्धांजलि देते हुए मोदी ने कहा कि मदर टेरेसा को संत का दर्जा दिया जा रहा है, जिसे लेकर हर भारतीय को गर्व महसूस हो रहा है।
मोदी ने कहा, “मदर टेरेसा ने अपनी पूरी जिंदगी भारत के गरीब और वंचित लोगों की सेवा में बिता दी। जब इस तरह के शख्स को संत का दर्जा दिया जाता है तो भारतीयों के लिए गौरवान्वित होना सामान्य है।”
मोदी ने एक लड़की के घर में शौचालय बनवाने के लिए कर्नाटक के एक ग्राम प्रधान की भी प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री ने कोप्पल जिले की 16 वर्षीय मल्लम्मा के घर में शौचालय बनवाने के लिए ग्राम प्रधान मोहम्मद शफी की प्रशंसा की।
मल्लम्मा ने अपने घर में शौचालय बनवाने की मांग की थी, लेकिन उसके गरीब मां-बाप उसकी यह मांग पूरी नहीं कर सके।
मोदी ने कहा कि जब शफी को यह बात पता चली तो उन्होंने इसके लिए 18,000 रुपये का इंतजाम किया।
मोदी ने छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के 1,700 स्कूलों के 1.25 लाख विद्यार्थियों की भी तारीफ की, जिन्होंने अपने माता-पिता को जन्मदिन पर पैसे खर्च करने के बजाय शौचालय बनवाने के लिए चिठ्ठी लिखकर आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद को एक उत्कृष्ट शिक्षक का प्रतीक बताया।
मोदी ने कहा, “मैं खेल के प्रति गोपीचंद की कड़ी मेहनत और लगन को सलाम करता हूं।”
मोदी ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भी श्रद्धांजलि दी, जिनके जन्मदिन को प्रत्येक वर्ष शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “उन्हें एक शिक्षक के रूप में पहचाना जाना पसंद था। उन्होंने राष्ट्रपति होने के बावजूद शिक्षक का अपना अद्भुत जीवन जिया।”
मोदी ने बताया कि वह अब भी अपने एक शिक्षक के संपर्क में हैं, जिनकी उम्र इस समय 90 वर्ष है। इस शिक्षक ने वर्षो पहले मोदी को पढ़ाया था। वह प्रधानमंत्री को अपने हाथों से पत्र लिखते हैं।
मोदी ने साथ ही भारत के लोगों की एकजुटता की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि अगर भारतीय एकजुट रहेंगे और अपनी एकता और अखंडता को बढ़ावा देंगे तो वे अपने लिए उज्जवल भविष्य का निर्माण कर पाएंगे।