नई दिल्ली, 29 मार्च (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी बेल्जियम यात्रा से पहले मंगलवार को आतंकवाद के खिलाफ बेल्जियम की दृढ़ता को सलाम किया।
मोदी ने बेल्जियम में 22 मार्च को हुए आतंकवादी हमले के संदर्भ में कहा, “बेल्जियम के लोगों की दृढ़ता और साहस को सलाम करने के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं है।”
मोदी ने यह बात बेल्जियम की यात्रा पर रवाना होने से पहले कही। वह मंगलवार रात बेल्जियम रवाना होंगे और तीन अप्रैल को वापस लौटेंगे।
मोदी ने कहा, “ब्रसेल्स में हुए हमले में जिन्होंने अपने परिजनों को खो दिया है, हम उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।”
बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स के जावेंटम हवाईअड्डे और एक मेट्रो स्टेशन पर 22 मार्च को हुए आतंकवादी हमले में कम से कम 35 लोग मारे गए थे, जिसमें एक भारतीय भी शामिल था।
मोदी बुधवार को ब्रसेल्स में बेल्जियम के प्रधानमंत्री चार्ल्स माइकल के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे तथा वहां 13वें भारतीय-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
मोदी ने कहा, “यूरोपीय संघ के अंतर्गत बेल्जियम भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक सहयोगी है। मेरी वहां के प्रधानमंत्री के साथ होनेवाली बैठक का लक्ष्य यूरोपीय संघ के इस महत्वपूर्ण सदस्य के साथ व्यापार, निवेश और उच्च प्रौद्योगिकी में साझेदारी का विस्तार करना है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि वे और माइकल मिलकर नैनीताल के नजदीक स्थित भारतीय-बेल्जियम एआरआईईएस (आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर ऑब्जबेशनल साइंस) का रिमोट से उद्घाटन करेंगे।
मोदी वहां बेल्जियम के भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे, जिसमें लगभग 20,000 लोग शामिल होंगे।
बेल्जियम के बाद मोदी 31 मार्च को वाशिंगटन डीसी रवाना होंगे, जहां वह चौथे परमाणु सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेंगे। इस सम्मेलन का आयोजन अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा कर रहे हैं।
मोदी ने इस बारे में कहा, “इस शिखर सम्मेलन में परमाणु आतंकवाद के कारण परमाणु सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण खतरे पर विचार-विमर्श होगा। वहां वैश्विक परमाणु ढांचे को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा होगी, खासतौर से अराजक तत्वों को परमाणु सामग्री तक पहुंच रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर।”
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी इस सम्मेलन में भाग लेने वाले थे, लेकिन लाहौर में हुए आतंकी हमले के कारण वह अब इस सम्मेलन में भाग लेने नहीं जा रहे हैं। हमले में कम से कम 70 लोग मारे गए थे।
प्रधानमंत्री मोदी अपनी अमेरिका यात्रा से वापसी के दौरान सऊदी अरब जाएंगे। वह वहां के शासक किंग सुलेमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद के निमंत्रण पर दो-तीन अप्रैल को सऊदी अरब में होंगे। इससे पहले 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस खाड़ी देश की यात्रा की थी।
मोदी ने इस बारे में कहा, “भारत का सऊदी अरब से विशेष रिश्ता है। लोगों का लोगों के बीच संबंध सऊदी अरब से हमारे संबंधों का प्रमुख घटक है। मैं सऊदी अरब नेतृत्व के साथ मिलकर हमारे द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने और उन्हें विस्तार देने की योजना बनाई है। क्षेत्रीय स्थिति पर चर्चा भी हमारे एजेंडे में शामिल है।”
मोदी ने बताया कि वे वहां मासमाक किले का दौरा करेंगे तथा एल एंड टी वर्कर्स रेसीडेंशियल कांप्लेक्स और रियाद स्थित टीसीएस के ऑल वूमेन आईटी एंड आईटीइएस केंद्र का दौरा करेंगे।
सऊदी अरब में लगभग 30 लाख भारतीय प्रवासी हैं, जिसमें से ज्यादातर कामगार हैं।