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मोदी ने ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान शुरू किया (लीड-1)

पानीपत (हरियाणा), 22 जनवरी (आईएएनएस)। लोगों से बेटियों की हत्या करने की 18वीं सदी पुरानी मानसिकता से बाहर आने और बेटे-बेटी के बीच भेदभाव करने के ‘दोहरे मापदंड’ से दूर होने की अपील करते हुए प्रधानमंत्री ने गुरुवार को चेतावनी दी कि यदि लड़कियों के बारे में मानसिकता नहीं बदली तो इससे भावी पीढ़ी को खतरनाक स्थिति में डाल देगा।

हरियाणा के पानीपत से राष्ट्रव्यापी ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में लिंगानुपात की खराब स्थिति से उबरने के लिए निश्चित प्रयास की जरूरत है।

उन्होंने कहा, “यदि हम इस समस्या पर जागरूक नहीं हुए और इसकी तरफ ध्यान नहीं दिया तो हम भावी पीढ़ी के लिए एक खतरनाक उदाहरण तय कर देंगे। यह संदेश देश के हर राज्य, गांव और परिवार तक पहुंचना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “जन्म लेने वाले 1000 लड़कों के मुकाबले 1000 लड़कियां भी जन्म लेनी चाहिए। हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में 1000 लड़के जन्म लेते हैं तो उनके मुकाबले 775 लड़कियां जन्म लेती हैं। मैं आपसे कहना चाहता हूं यदि लड़कियां जन्म नहीं लेंगी तो आप कहां से बहू लाएंगे।”

पूरे मुद्दे पर खुद को बेहद ‘दुखी’ बताते हुए मोदी ने कहा, “लोग पढ़ी-लिखी बहू चाहते हैं लेकिन अपनी बेटी को पढ़ाने पहले कई बार सोचते हैं। हमारे पास दोहरा मानक कितने समय तक रहेगा।”

उन्होंने कहा, “हमारी मानसिक दरिद्रता इसके लिए जवाबदेह है। हम लड़के को काफी महत्व देते हैं। कई महिलाएं भी ऐसा करती हैं। आखिर कितने समय तक हम लड़कियों को ‘पराया धन’ की तरह देखते रहेंगे।”

उन्होंने कहा, “हम अपनी मानसिकता से 18वीं सदी से संबंधित हैं। हम 21वीं सदी के कहे जाने के योग्य नहीं हैं। 18वीं सदी में मां को लड़की का चेहरा दिखा दिया जाता था और उसके बाद उसे मार डालने के लिए दूध से भरे पात्र में रख दिया जाता था। आज हम उससे भी खराब हैं क्योंकि हम अपनी लड़कियों को गर्भ में ही मार रहे हैं और उन्हें जन्म भी नहीं लेने दे रहे।”

हरियाणा में कुछ ही वर्ष पहले एक बोरवेल में प्रिंस नाम के एक छोटे से लड़के के गिर जाने की घटना का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि हर कोई लड़के के कल्याण के लिए चिंतित था।

उन्होंने कहा, “बहुत ज्यादा चिंता थी, लेकिन हमारे चारों तरफ लड़कियां मारी जाती हैं तो कोई परवाह नहीं करता।”

यह कहते हुए कि हरियाणा को अपनी बेटी दिवंगत अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला पर गर्व है उन्होंने कहा, “कई कल्पना चावला गर्भ में ही मार दी जाती हैं और कोई इसपर चिंता नहीं करता।” उन्होंने आगे कहा कि हाल के वर्षो में सफल होने वालों में अधिकांश लड़कियां और महिलाएं हैं।

उन्होंने कहा कि यदि यह विश्वास होना कि बेटे ही माता-पिता की बुढ़ापे में सेवा करते हैं सच है तो ‘पिछले 50 वर्षो में बड़ी संख्या में वृद्धाश्रम नहीं खुलने चाहिए थे।’

मोदी ने कहा, “इस दोष (लड़कियों के खिलाफ) को रोकने के लिए हममें प्रतिबद्धता, संवेदना और जवाबदेह होने की जरूरत है। यह एक रात में नहीं होने जा रहा। यह दोष पिछले 50 वर्षो से समाया हुआ है। हमें अगले 100 वर्षो के लिए जागरूकता पैदा करनी होगी।”

उपस्थित लोगों से बेटियों को बचाने और शिक्षित करने के लिए लोगों को महिला से शपथ दिलाने से पूर्व मोदी ने कहा, “एक भिखारी की तरह यह प्रधानमंत्री आपसे लड़कियों की जिंदगी की भीख मांग रहा है।”

चिकित्सकों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए मोदी ने कहा, “लड़कियों की गर्भ में हत्या कर पैसे क्यों कमा रहे हैं..उम्मीद है आपके हाथ, जिससे आप खाना खाते हैं वह दूसरे के खून से रंगे नहीं होंगे।”

अभियान की ब्रांड एंबेसडर बनी सिनेमा जगत की मशहूर अभिनेत्री माधुरी दीक्षित नेने कहा, “यह केवल लड़की को जन्म देने के बारे में नहीं है। उसे बेहतर पोषाहार, बेहतर शिक्षा, उचित देखभाल और अधिकार मिलना चाहिए। यदि आपके घर, स्कूल, ट्रेन, कार्यालय और अन्य स्थानों पर मर्द हो तो क्या यह सही होगा?”

केंद्र सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि लिंगानुपात के साथ कोई देश प्रगति नहीं कर सकता।

मेनका ने कहा, “हर रोज करीब 2000 लड़कियां मारी जाती हैं। यह शर्मनाक है। महिलाओं की कमी अपराध में वृद्धि और प्रेम एवं खुशी में कमी लाएगी।”

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर अभियान में शामिल किए गए 72 रथों को हरी झंडी दिखाई, जिसके जरिए उन इलाकों में कन्या को बचाने की जरूरत को लेकर जागरूकता फैलाई जाएगी, जहां असंतुलित लिंगानुपात है।

अभियान की शुरुआत हरियाणा से करने की वजह इसका देश का सबसे विषम लिंगानुपात वाला राज्य होना है। देश के लिंगानुपात के मामले में सबसे विषम 100 जिले में 12 हरियाणा में हैं। हरियाणा में प्रति 1000 पुरुषों के मुकाबले स्त्रियों की संख्या 879 है।

सबसे खराब लिंगानुपात वाले 100 जिलों में शुरू किए जा रहे अभियान के जरिए लोगों को लड़कियों की सुरक्षा व शिक्षा, कन्या भ्रूणहत्या की रोकथाम और महिला सशक्तीकरण के प्रति जागरूक किया जाएगा।

अभियान की शुरुआत के दौरान इसकी ब्रांड एंबेसडर माधुरी दीक्षित और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के अलवा जे.पी.नड्डा, रवि शंकर प्रसाद, वीरेंद्र सिंह, स्मृति ईरानी, कृष्ण पाल गुर्जर और राव इंद्रजीत सिंह के साथ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और अन्य नेता भी मौजूद थे।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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