नई दिल्ली, 20 सितम्बर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जनशक्ति की सराहना की। मोदी ने कहा कि बदलाव लाने के लिए सरकार एक उत्प्रेरक के तौर पर समाज के साथ मिलकर काम कर सकती है।
मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 12वें संस्करण में कहा, “मन की बात ने मुझे समाज में बदलाव के लिए जनशक्ति के बारे में काफी कुछ सिखाया।”
मोदी ने कहा कि सरकार के कामकाज को बेहतर बनाने के उपाय सुझाने के लिए जनता से किए आग्रह को भी भरपूर प्रतिक्रिया मिली है। लोगों ने इस बारे में आकाशवाणी और सरकारी वेबसाइट जीओवी डॉट इन पर लिखे हैं।
मोदी ने कहा कि उन्हें मिले लाखों पत्रों ने सरकारी योजनाओं को लेकर लोगों की विभिन्न समस्याओं के बारे में उनकी आंखें खोल दी हैं।
जनशक्ति का उदाहरण देते हुए मोदी ने कहा कि उनके ‘सेल्फी विद डॉटर’ को लाखों प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई हैं। मोदी ने कहा कि यह मौन क्रांति सरीखा है।
मोदी ने कहा कि देशभर के मजेदार स्थलों की तस्वीरें भेजने के उनके आग्रह को भी काफी समर्थन मिला है।
मोदी ने कहा, “शायद पर्यटन विभाग के पास भी इतनी तस्वीरें नहीं हैं और भारत सरकार ने इस पर कुछ खर्च भी नहीं किया।”
खादी की बिक्री बढ़ने पर मोदी ने कहा, “पिछले वर्ष खादी की बिक्री दोगुनी हो गई और यह सरकार के हस्तक्षेप का नहीं, लोगों की जागरूकता का नतीजा है।”
मोदी ने यह कहते हुए भी जनशक्ति की सराहना की कि खादी को बढ़ावा देने और गैस सब्सिडी छोड़ने के उनके आग्रह को भी जनता का भरपूर समर्थन मिला है।
मोदी ने कहा कि उनके आग्रह पर लोगों ने फोन करके भी राय दी। उत्तर में सियाचिन से लेकर पश्चिम में कच्छ और पूर्व में कामरूप से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक देश भर से 55,000 फोन कॉल आए।
मोदी ने कहा कि किसी भी कॉल में उनकी सरकार के लिए कुछ भी नकारात्मक नहीं कहा गया।
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार आए कुछ सुझाओं पर काम कर रही है।