मुंबई, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। गुजरात चुनाव के अंतिम चरण में पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आखिरकार कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को एक ‘मजबूत प्रतिद्वंदी’ माना।
शिवसेना ने बुधवार को अपने मुखपत्र ‘सामना’ और ‘दोपहर का सामना’ में कहा कि ‘पप्पू’ के रूप में राहुल गांधी को चार साल पहले खारिज किया जा चुका है और अब वह एक सशक्त नेता के रूप में उभर रहे हैं।
शिवसेना ने कहा, “उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के नतीजों के बाद गुजरात के नतीजे जो भी हो, पर यह संदेह है कि इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) भाजपा का सबसे मजबूत पक्ष है।”
लेख के मुताबिक, “अब राहुल ने यह साबित कर दिया है कि वह अब पप्पू नहीं रहे और भाजपा को उदारता इसे स्वीकार करना चाहिए। विचारधारा को लेकर मतभेद और झगड़े हो सकते हैं, जो चुनाव द्वारा सुलझाए जाते हैं। लेकिन राजनीति में ऐसा माहौल बनाना कि कोई आपका विरोध नहीं करे या कोई आपके खिलाफ खड़ा नहीं हो, चौंकाने वाला है। इस तरह की उदासीन परिस्थितियों में राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने जा रहे हैं।”
महाराष्ट्र और केंद्र सरकार में अपनी सहयोगी पार्टी पर हमला करते हुए शिवसेना ने कहा कि भाजपा ने भविष्य में राहुल के कांग्रेस अध्यक्ष बने जाने को लेकर ‘औरंगजेब राज’ कहकर हमले करने शुरू कर दिए हैं और राहुल के मंदिर दौरे पर हायतौबा मचा दी है।
शिवसेना ने मुखपत्र में सुझाव देते हुए कहा, “इसके बजाय भाजपा को राहुल की मंदिर यात्रा का स्वागत करना चाहिए था, जो ‘हिंदुत्व समर्थक’ ताकतों की जीत का संकेत है क्योंकि अब वह हिंदुत्व को लेकर कांग्रेस पार्टी का मार्गदर्शन कर सकते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को आगे आकर इस कदम के लिए राहुल को धन्यवाद देना चाहिए।”
मोदी के ‘औरंगजेब राज’ के बयान पर पलटवार करते हुए शिवसेना ने कहा, “यदि आप मुगलों के प्रति इतना घृणा करते हैं, तो आपको राज्य में औरंगजेब और अफजल दोनों के मकबरों को ढहाने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (देवेंद्र फडणवीस) को आदेश देना चाहिए।”