अनंतपुर (आंध्र प्रदेश), 24 जुलाई (आईएएनएस)। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के भूमि अधिग्रहण विधेयक पर निशाना साधते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों की जमीन आसानी से नहीं छीनने देंगे।
राहुल किसानों के सामने मौजूद समस्याओं को रेखांकित करने के लिए पदयात्रा कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने ओबुलादेवारा चेरुवु गांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए किसानों को भरोसा दिलाया कि कांग्रेस उनके साथ है।
राहुल ने कहा, “प्रधानमंत्री को ऐसा लगता है कि वे किसानों की जमीन छीन सकते हैं, लेकिन हम उन्हें किसानों से जमीन आसानी से छीनने नहीं देंगे।”
उन्होंने कहा, “हमने अभी देश के किसानों की 10 प्रतिशत शक्ति भी नहीं देखी। और प्रधानमंत्री को अचानक समझ आ गया कि वे देश के किसानों पर दबाव नहीं बना सकते।” राहुल का इशारा सरकार के उस प्रस्ताव की ओर था, जिसके तहत भूमि विधेयक में संशोधन कर संसद में गतिरोध तोड़ने की मंशा है।
राहुल ने कहा कि संसद में कांग्रेस इस रुख पर कायम है कि सरकार को किसानों की जमीन आसानी से नहीं छीनने दी जाएगी।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस और देश के किसानों ने प्रधानमंत्री को अपनी थोड़ी-सी ताकत दिखाने का फैसला किया है। उन्होंने किसानों की लड़ाई के बाद अपना मन बदला है, जिसे कांग्रेस लड़ रही है।”
राहुल आंध्र प्रदेश के विभाजन बाद पहली बार राज्य के दौरे पर हैं। उन्होंने राज्य को विशेष दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर भी मोदी पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री इस राज्य के लोगों से जमीन और विशेष दर्जा तथा पोलावरम छीनना चाहते हैं।”
राहुल ने कहा कि राजग सरकार राज्य को विशेष दर्जा देने के अपने वादे से मुकर रही है।
उन्होंने रैली के दौरान कहा कि कांग्रेस विशेष दर्जा तथा पोलावरम परियोजना पर अडिग है।
राहुल ने राज्य के विशेष दर्जे के लिए संघर्ष न करने के लिए मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू और मुख्य विपक्ष, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी पर भी निशाना साधा।
उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री की मंशा तो पूरी तरह समझ सकता हूं। लेकिन, मैं इस राज्य के मुख्यमंत्री और दूसरी पार्टी की मंशा नहीं समझ पा रहा हूं। मुझे समझ नहीं आता कि ये पार्टियां विशेष दर्जे और पोलावरम के लिए क्यों नहीं संघर्ष कर रही हैं।”
राहुल ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रघुवीरा रेड्डी, अन्य नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं व समर्थकों की भारी संख्या के साथ सूखा प्रभावित जिले में लंबी पदयात्रा की।
उन्होंने अबुलादेवारा चेरुवु गांव से पदयात्रा शुरू की, जहां 1979 में उनकी दादी इंदिरा गांधी ने जनसभा को संबोधित किया था।
इस दौरान उन्होंने किसानों, श्रमिकों, शिल्पकारों तथा महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़े लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्या जानी।
ब्लू जिंस व कुर्ता पहने राहुल ने कोंदाकमारला गांव तक 10 किलोमीटर की पदयात्रा की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पिछड़े जिलों की यात्रा के दौरान देखा कि कृषि संकट के किस दौर से गुजर रहा है, जिसके कारण ग्रामीण गावों से पलायन कर रहे हैं और इसी को रोकने के लिए उन्होंने ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना लाने का फैसला किया।
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों को बेहद लाभ हुआ। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने भूख को खत्म करने के लिए खाद्य सुरक्षा अधिनियम लाया।
कोंदाकमारला में एक बैठक को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि मोदी तथा चंद्रबाबू नायडू दोनों ने ही राज्य के लोगों को धोखा दिया है।
उन्होंने कहा कि नायडू ने चुनाव पूर्व वादों को पूरा नहीं किया। राहुल ने कहा, “बीते एक साल के दौरान उन्होंने भाषण देने के अलावा कुछ नहीं किया। कम से कम अब तो उन्हें भाषण बंद कर लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए कुछ करना चाहिए।”
पदयात्रा में नायक से राजनीतिज्ञ बने के.चिरंजीवी, पूर्व केंद्रीय मंत्री पल्लम राजू, पन्नाबका लक्ष्मी, जे.डी.सीलम, सुब्बारामी रेड्डी, सांसद के.वी.पी.रामचंद्र राव तथा पार्टी के अन्य नेता शामिल थे।