अनिल सिंह-(भोपाल)भाजपा के हरियाणा चुनाव प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने भाजपा की विजय का दावा करते हुए किसी भी नाम को मुख्यमंत्री के रूप में आगे बढाने के कयास को सिरे से खारिज कर दिया.भाजपा की पास न ह कोई मुद्दा है और ना ही वह कोई मुद्दा तलाशना चाहती है अब चुनाव के समय भाजपा यह स्वीकार करने को बाध्य हो गयी है की मोदी से ही उसकी नैय्या पार होगी,भाजपा के कई वरिष्ठ नेता अभी तक यही प्रचार करते रहे की भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं की मेहनत से भाजपा सत्ता में आई है यदि यही सत्य होता तो इतने वर्षों का संघर्ष भाजपा को नहीं करना होता.
हरियाणा में मोदी का नाम ले कर चुनाव लड़ना भाजपा की मजबूरी हो गयी है क्योनी जिताऊ और भरमाऊ नाम यदि है जिस पर जनता भरोसा करती है तो वह नाम मोदी का है.
पत्रकारों के पूछे प्रश्न में कैलाश विजयवर्गीय फंसते नजर आये लेकिन अनुभवी राजनैतिक चालाकी उनके काम आई और वे बच निकले लेकिन सही जवाब न देकर बचना देश हित में है यह एक बड़ा सवाल विजयवर्गीय खड़ा कर गए अभी भी वे अपने घर में पड़े आयकर छापे में फसे हुए हैं ऐसे में भाजपा को उन्हें हरियाणा चुनाव प्रभारी बनाना भाजपा की नियत पर शक उत्त्पन्न करता है.