नरेंद्र मोदी सरकार के एक और मंत्री जांच के दायरे में आ गए हैं. उन पर बलात्कार का संगीन मामला चल रहा है और अब उन्हें समन भेजा गया है. उधर, भारत में नई सरकार बनने के बाद पहला घोटाला सामने आया है.
केंद्र में राजस्थान के इकलौते मंत्री निहालचंद मेघवाल को जयपुर की एक अदालत ने समन भेज कर पेश होने को कहा है. भारतीय मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक उनके समेत 17 लोगों पर तीन साल पुराना बलात्कार का मुकदमा है. टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा है कि रसायन और उर्वरक राज्यमंत्री मेघवाल के खिलाफ 2011 में मुकदमा दर्ज किया गया था और 2012 में उन्हें क्लीन चिट दे दी गई और मामला बंद कर दिया गया था.
लेकिन अगले साल 2013 में प्रभावित महिला ने इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर की. अब उसी मामले में मेघवाल सहित 17 लोगों को समन भेजा गया है. उनसे पूछा गया है कि “केस को दोबारा क्यों न खोला जाए?” रिपोर्टों के मुताबिक मामला दायर करने वाली महिला हरियाणा की है, जिसकी शादी 17 साल की उम्र में हो गई और जो उसके बाद राजस्थान शिफ्ट कर गई.
इंडिया टुडे ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि रिजर्व सीट से जीतने वाले 43 साल के मेघवाल गंगानगर लोकसभा सीट से लगातार चौथी बार जीते हैं. केस करने वाली महिला का आरोप है कि फरवरी 2011 से सितंबर 2011 तक उसके साथ यौन उत्पीड़न हुआ. इसी सिलसिले में जयपुर के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश पीपी गुप्ता ने समन जारी किया है. मामले में राजस्थान के पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता योगेश्वर गर्ग, पूर्व छात्र नेता पुष्पेंद्र भारद्वाज और अतिरिक्त एसपी अनिल राव के नाम भी हैं.
छुट्टी घोटाला
इस बीच, बीजेपी के एक राज्यसभा सांसद सहित कुल छह मौजूदा और पूर्व सांसद छुट्टी घोटाला में फंस गए हैं. अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) घोटाले में राज्यसभा के तीन मौजूदा और तीन पूर्व सांसदों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं और देश के विभिन्न हिस्सों में सीबीआई ने छापेमारी की है.
सीबीआई प्रवक्ता कंचन प्रसाद ने बताया कि जांच एजेंसी द्वारा जिन छह मौजूदा एवं पूर्व सांसदों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं, उनमें बीजेपी, बीएसपी, आरएलडी, बीजेडी, तृणमूल कांग्रेस और मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के एक एक नेता शामिल हैं.
प्रसाद ने बताया कि मौजूदा सांसदों में बीएसपी के बृजेश पाठक, तृणमूल के डी बंदोपाध्याय और एमएनएफ के लालमिंग लियाना, जबकि पूर्व सांसदों में बीजेपी के जेपीएन सिंह, आरएलडी के महमूद मदनी और बीजेडी की रेणबाला प्रधान शामिल हैं. इन सभी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13 (एक) (डी) के तहत केस दर्ज किए गए हैं.
उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी इस सिलसिले में इन नेताओं और कुछ ट्रेवेल एजेंटों के दिल्ली एवं ओडिशा स्थित 10 ठिकानों पर छापे मार रही है. इन सभी ने फर्जी हवाई टिकट और बोर्डिंग पास लिए तथा इसके एवज में अपनी यात्रा का पूरा भुगतान संबंधित विभाग से लिया.