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 मोदी की उद्योग जगत से निवेश जारी रखने की अपील (राउंडअप) | dharmpath.com

Saturday , 19 April 2025

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मोदी की उद्योग जगत से निवेश जारी रखने की अपील (राउंडअप)

नई दिल्ली, 8 सितम्बर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को काबिना मंत्रियों, अर्थशास्त्रियों, कारोबारियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि किसी को किसी के दुर्भाग्य का फायदा नहीं उठाना चाहिए, लेकिन अपने देश में हमें ऐसी कोशिश करनी चाहिए कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती का फायदा उठाया जा सके। उन्होंने कारोबारियों से निवेश जारी रखने की भी अपील की।

भारतीय उद्योग परिसंघ के अध्यक्ष सुमित मजुमदार के मुताबिक, “प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी को दुख हमारे लिए फायदे का सबब नहीं होना चाहिए। बल्कि हमें अपने देश में मौजूदा वैश्विक स्थिति से फायदा उठाने की कोशिश करनी चाहिए।”

बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “हमारी आर्थिक बुनियाद मजबूत है, इसलिए चीन की हालिया घटनाक्रम का हम पर प्रभाव नहीं पड़ा। प्रधानमंत्री ने हालांकि कहा कि इस स्थिति में एक उद्योग के रूप में हमें कुछ जोखिम उठाने की क्षमता का परिचय देना चाहिए।”

बैठक में हिस्सा लेने वाले मंत्रियों में केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली, रेलमंत्री सुरेश प्रभु, केंद्रीय सड़क परिवहन और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान और केंद्रीय कोयला, बिजली तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल शामिल थे।

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि चीन के घटनाक्रम का भारतीय अर्थव्यवस्था पर अधिक असर नहीं पड़ा है, बल्कि इसने भारत के लिए अवसर पैदा किया है, क्योंकि भारत विभिन्न कमोडिटी का शुद्ध आयातक देश है और तेल मूल्य निचले स्तर पर है।

जेटली ने कहा, “भारतीय अर्थव्यवस्था चीन के मुद्रा अवमूल्यन तथा आर्थिक सुस्ती से कम प्रभावित हुई है। इसका एक कारण यह है कि हमारी बुनियाद अपेक्षाकृत मजबूत है।”

जेटली ने कहा, “बैठक की परिचर्चा का मुख्य जोर इस बात पर था कि चूंकि भारत पर वैश्विक घटनाक्रमों का हल्का असर हुआ है, इसलिए घरेलू अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए, ताकि वैश्विक अर्थव्यवस्था का अधिकाधिक लाभ भारत उठा सके।”

उन्होंने कहा, “तेल का शुद्ध आयातक होने के नाते इसकी कीमत में गिरावट एक अवसर है।”

अगस्त में अंतर्राष्ट्रीय तेल मूल्य प्रति बैरल 40 डॉलर तक आ गया था। अभी यह 50 डॉलर प्रति बैरल से नीचे है। गत वर्ष इसकी कीमत प्रति बैरल 100 अरब डॉलर थी।

तीन घंटे से अधिक लंबी चली बैठक में वैश्विक घटनाक्रमों जैसे अमेरिका में फेडरल रिजर्व द्वारा की जाने वाली दर वृद्धि, ईरान के साथ विश्व शक्तियों का समझौता, जिसने तेल मूल्य में गिरावट में भूमिका निभाई और चीन में विकास दर घटाने से भारत के लिए पैदा हो रहे अवसर पर चर्चा हुई।

इन घटनाक्रमों से भारत को भी हल्का झटका लगा।

‘हालिया वैश्विक घटनाक्रम : भारत के लिए अवसर’ विषय पर आयोजित बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन, नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया, मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम और आयोग के सदस्य विवेक देबराय भी थे।

प्रमुख उद्योगपतियों में मुख्य रूप से रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी, आदित्य बिड़ला समूह के प्रमुख कुमार मंगलम बिड़ला, अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी, टाटा समूह के अध्यक्ष साइरस मिस्त्री, विप्रो अध्यक्ष अजीम प्रेमजी, सन फार्मा अध्यक्ष दिलीप संघवी, आईटीसी के वाई.सी. देवेश्वर और आईएलएंडएफएस के अध्यक्ष रवि पार्थसारथी भी शामिल थे।

परिसंघ के अध्यक्ष सुमित मजुमदार ने कहा, “बैठक में आम राय यह रही कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर धीमी है, लेकिन भारत सात फीसदी की दर से विकास कर रहा है और किस तरह से हम इस अवसर का लाभ उठा सकते हैं।”

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की अध्यक्ष ज्योत्सना सूरी ने कहा, “प्रधानमंत्री ने कहा है कि यह हमारे लिए एक अवसर है और इसका लाभ उठाते हुए निवेश करना चाहिए। पूंजी की लागत काफी अधिक है। मुझे नहीं पता कि कितने लोग जोखिम उठाते हुए निवेश करेंगे। हममें से कई ने ब्याज दर का मुद्दा उठाया है।”

अरविंद सुब्रह्मण्यम ने कहा, “चीन की आर्थिक सुस्ती का मतलब यह है कि अवसंरचना क्षेत्र में विशाल संभावना वाले भारत में इसके विकास पर होने वाला खर्च कम होगा, क्योंकि सीमेंट और इस्पात जैसी चीजों पर खर्च कम होगा।”

मोदी की उद्योग जगत से निवेश जारी रखने की अपील (राउंडअप) Reviewed by on . नई दिल्ली, 8 सितम्बर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को काबिना मंत्रियों, अर्थशास्त्रियों, कारोबारियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में कहा नई दिल्ली, 8 सितम्बर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को काबिना मंत्रियों, अर्थशास्त्रियों, कारोबारियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में कहा Rating:
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