वाशिंगटन, 3 फरवरी (आईएएनएस)। भारतीय मूल के एक प्रमुख अमेरिकी अटार्नी ने सुझाव दिया है कि मोदी-ओबामा आलिंगन ने राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा को सफल बनाने में योगदान दिया। भारतीय गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में ओबामा भारत आए हुए थे।
न्यूयार्क में रहने वाले और दक्षिण एशियाई मामलों की राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के अध्यक्ष रवि बत्रा ने कहा कि ओबामा की अगवानी करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रोटोकॉल तोड़ कर नई दिल्ली विमान तल पर पहुंच गए थे। उन्होंने गले मिलकर ओबामा का स्वागत किया था। बत्रा ने एक सामुदायिक समाचार पत्र को दिए गए अपने साक्षात्कार के दौरान ये बातें कही।
साउथ एशियन टाइम्स के मुताबिक, बत्रा ने कहा, “ओबामा का भारत में भरोसा कानून के शासन के प्रति टिकाऊ प्रतिबद्धता, समझौते की भावना के सम्मान के प्रति ईमानदार इच्छा और शांति को आलिंगन एवं घृणा युद्ध से दूरी की राष्ट्रीय अभिलाषा को ध्वनित करता है।”
उन्होंने कहा कि प्रचंड बहुमत से मोदी का सत्ता में आना और ‘लीक से हटकर जोखिम’ उठाना भी मददार रहा।
बत्रा ने कहा, “मोदी जनादेश से संपन्न हैं, लेकिन वह केवल ‘जमीनी’ कारण है।”
उन्होंने कहा, “उन्हें लीक से हटकर जोखिम उठाने, अरब स्प्रिंग से लैस सोशल मीडिया के साथ अमेरिकी शैली में प्रचार चलाने और उसके बाद एक कारपोरेट सीईओ की तरह शासन चलाने का भी श्रेय दिया जाना चाहिए।”
प्रमुख अटार्नी ने यह भी सुझाव दिया कि भारत और भारतीय-अमेरिकी को विभाजन आधारित अपनी पाकिस्तान मानसिकता को भी त्यागना चाहिए।
बत्रा ने कहा कि उन्हें इसकी जगह पाकिस्तान और उसकी सेना को पांच दशकों तक दिए जाने वाले अमेरिकी सहयोग की सराहना करनी चाहिए। सेना को मिले अमेरिकी सहयोग से ही उपमहादेश में तनाव घटाने में मदद मिली।
उन्होंने कहा, “यह एक तथ्य है कि अमेरिका और भारत वैश्विक साझीदार हैं।”
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें इस बात का डर है कि भारत-अमेरिका संबंध के लिए ओबामा ने जो किया उसे तोड़ने का प्रयास रिपब्लिकन कर सकते हैं, बत्रा ने उल्लेख किया कि देवयानी खोब्रागडे मामले से पहले रिपब्लिकनों ने भी उस जगह को पाने के लिए कठिन परिश्रम और राजनीतिक जोखिम उठाया था जहां आज हम खड़े हैं।