प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या उनकी नीतियों की सोशल मीडिया पर आलोचना करने वालों के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं की तीखी प्रतिक्रिया पार्टी द्वारा आयोजित नहीं होती है। यह कहना है भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अरविंद गुप्ता का।
अरविंद गुप्ता का कहना है कि उनका काम सही जानकारी देना है।
गुप्ता ने आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में कहा, “कोई भी व्यक्ति किसी सूचना को किस प्रकार ग्रहण करता है और उसका संप्रेषण करता है, यह पूरी तरह उसका नजरिया है। हम उसे नियंत्रित नहीं कर सकते।”
गुप्ता इस आरोप का जवाब दे रहे थे कि भाजपा और आरएसएस समर्थक मोदी या उनकी नीतियों का विरोध करने वालों पर तीखे हमले करते हैं, वह भी कई बार बेहद असभ्य भाषा में।
गुप्ता ने कहा, “कई बार विरोधियों द्वारा गलत सूचनाओं का अभियान चलाया जाता है और हमें सही जानकारी के द्वारा उसका प्रत्युत्तर देना जरूरी होता है। लोगों का व्यक्तिगत नजरिया और संप्रेषण का तरीका होता है। यह समझना संभव नहीं है कि कौन सदस्य है और कौन नहीं।”
आईआईटी-बीएचयू से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बी.टेक और अमेरिका के अरबाना कैंपेन में स्थित युनिवर्सिटी ऑफ इलीनोइस से बिजनेस और कंप्यूटर विज्ञान में परास्नातक गुप्ता का कहना है कि समर्थकों और पार्टी सदस्यों के लिए सोशल मीडिया संबंधित दिशा-निर्देश तय हैं।
उन्होंने कहा, “हम हमेशा उन्हें इनका पालन करने को कहते हैं। स्वयं प्रधानमंत्री ने सभी को एक निश्चित व्यवहार का पालन करने को कहा है। नकारात्मकताओं को नजरअंदाज करें, आलोचनाओं को सकारात्मक तौर पर लें और सोशल मीडिया पर सकारात्मक ऊर्जा के साथ काम करें।”
उनके कथन के अनुसार, पार्टी ने हमेशा आधिकारिक हैंडल्स, प्रवक्ताओं और पदाधिकारियों के माध्यम से संपर्क किया है।
2014 के आम चुनाव के दौरान मोदी के लिए सोशल मीडिया अभियान का प्रतिनिधित्व कर चुके गुप्ता ने कहा कि सोशल मीडिया को नियंत्रित करना कठिन है।
समर्थकों को मौखिक हमले की छूट देने के कारण पार्टी कई बार आलोचनाओं का शिकार हुई है।
मई 2014 से सत्ता में आई भाजपा की अगुवाई वाली सरकार सोशल मीडिया पर अतिसक्रिय रही है।
गुप्ता का कहना है कि खुद मोदी के निर्देशों के अनुसार, ‘डिजिटल फस्ट’ अब भाजपा के डीएनए में है। गुप्ता 2010 से भाजपा के आईटी विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
गुप्ता ने कहा, “प्रधानमंत्री की अगुवाई में, लक्ष्य केवल सूचनाओं के प्रसार में ही समता लाना ही नहीं है, संपूर्ण समतुल्यता भी देखना है ताकि नागरिक, मीडिया और सभी को एकसाथ जानकारी मिले। यह डिजिटल प्रजातंत्र भी है। इससे सही समय में और सही तरीके से सभी को जानकारी मिलती है। हम अपने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में भी यही देख रहे हैं। सरकार, प्रधानमंत्री कार्यालय और पार्टी मशीनरी सभी का इसमें समन्वय है।”
दिल्ली में 20 लोगों की टीम के साथ काम कर रहे गुप्ता का कहना है कि यह किसी एक व्यक्ति का काम नहीं है। हर व्यक्ति अपनी भूमिका निभा रहा है। यह पार्टी का दायित्व है कि अच्छी नीतियों का प्रसार करे और उसे आगे बढ़ाए। यह सरकार का दायित्व है कि हर नागरिक, हर साझेदार को जानकारी मिले।
‘अब की बार मोदी सरकार अभियान’ की अगुवाई कर चुके गुप्ता ने कहा कि पिछले 15 महीनों में बदलाव ने नागरिकों को भी निर्णय निर्धारण में शामिल किया गया है। उदाहरण के तौर पर प्रधानमंत्री जन धन योजना और स्वच्छ भारत के लिए लोगो माय गर्वनमेंट प्लैटफॉर्म से जुटाए गए। “प्रधानमंत्री स्वयं भी इसी प्लेटफॉर्म से संदेश लेते हैं।”
नागरिकों और सरकार के बीच भागीदारी के लिए बने माय गवर्नमेंट डॉट इन प्लेटफॉर्म के बारे में उन्होंने कहा, “इसे अनेक भूमिकाएं निभानी हैं। हम यथासंभव ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। ग्रामीण और मध्य शहरी इलाकों पर खास जोर दिया रहा है।”