लखनऊ , 8 अगस्त (आईएएनएस)। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव तथा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने यहां शनिवार को कहा कि मध्य प्रदेश व्यावसायिक मंडल (व्यापमं) घोटाला उनके कार्यकाल में नहीं हुआ था। उन्होंने चुनौती दी कि किसी के पास उनकी लिखी कोई सिफारिशी पर्ची मिल जाए तो उन्हें जो भी सजा दी जाए, वह भुगतने को तैयार हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद दिग्विजय सिंह मीडिया से मुखातिब थे। मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले पर दिग्विजय ने अपने कार्यकाल को बेदाग बताया।
उन्होंने कहा, “मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हताशा में उलटे-सीधे बयान दे रहे हैं। मेरे कार्यकाल में नियमों का जरा भी उल्लंघन नहीं हुआ था। उस समय की एक भी भर्ती पर कभी कोई दाग नहीं लगा था।”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, “अगर किसी के पास मेरी लिखित कोई भी सिफारिशी पर्ची मिल जाए तो मैं जो भी सजा मिले वो झेलने को तैयार हूं।”
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज ने एक समाचार चैनल से बातचीत के दौरान कहा है कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर्चियों से भर्तियां करते थे। उनका दावा है कि मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय के कार्यकाल में एक नहीं सैकड़ों नियुक्तियां पर्चियों पर की गईं। उनकी लिखी पर्चियां आपको मिल जाएंगी, उस समय राज्य में अंधेर हुआ था।
उनके इस बयान के बाद दिग्विजय सिंह भाजपा पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के एक मंत्री और दो मुख्यमंत्री घोटाले में फंसे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं। इन मामलों पर वह चुप्पी साधे हुए हैं, जिस कारण संसद में गतिरोध बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि घोटाले में फंसे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तथा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पहले इस्तीफा दें, फिर इनकी कारगुजारियोंकी जांच हो। सुषमा ने तो संविधान की शपथ का उल्लंघन किया है, इसलिए इनके खिलाफ कार्रवाई हो।
भाजपा के बारे में दिग्विजय ने कहा, “यह पार्टी इतनी जल्दी रंग बदल देती है, जिसकी आप कल्पना नहीं कर सकते।”
उत्तर प्रदेश की राजधानी पहुंचे दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की। इसके बाद वह कांग्रेस के पूर्व सांसद हर्षवर्धन के घर गए। हर्षवर्धन के इकलौते पुत्र का हाल ही में निधन हो गया था। दिग्विजय यहां के गोमतीनगर में रह रहींअपनी पुत्री से मिलने उनके घर भी गए।