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 मेडिकल लापरवाही की सार्वजनिक सुनवाई उचित नहीं : आईएमए | dharmpath.com

Thursday , 28 November 2024

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मेडिकल लापरवाही की सार्वजनिक सुनवाई उचित नहीं : आईएमए

नई दिल्ली, 5 जनवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों के विरुद्ध शिकायत निवारण फोरम के तहत 6 व 7 जनवरी को मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस परिसर में मेडिकल लापरवाही के मामले सार्वजनिक तौर पर सुनने जा रहा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) हालांकि इसके खिलाफ है।

आईएमए का मानना है कि बिना किसी स्पष्ट दिशा-निर्देशों व नियमों के एक और फोरम बनाकर मरीजों की शिकायतें सुने जाने से डॉक्टरों पर हो रही हिंसा के मामलों में बढ़ोतरी होगी।

आयोग चार राज्यों से प्राप्त मेडिकल लापरवाही के 125 शिकायतों की सुनवाई करेगा, जिसमें महाराष्ट्र के 55, गुजरात के 30, गोवा के 10 और राजस्थान के 30 मामले शामिल हैं।

फिलहाल निजी अस्पतालों के मामले मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया या उपभोक्ता अदालतों या पुलिस के पास जाते हैं।

आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एस.एस. अग्रवाल और ऑनरेरी सेक्रेटरी जनरल डॉ के.के. अग्रवाल ने कहा, “आईएमए का मानना है कि ऐसे मामले प्रदेश की मेडिकल काउंसिल के पास जाने चाहिए। यह प्रदेशिक मेडिकल काउंसिल की जिम्मेदारी है कि वह मामले की गंभीरता के आधार पर फैसला करे और अगर जरूरत हो तो मुआवजे के लिए मामला उपभोक्ता अदालत में भेजे।

उन्होंने कहा कि अगर किसी कानून का उलंघन हुआ हो तो क्रिमिनल कोर्ट को मामला भेजा जाए या अगर मानवाधिकारों का हनन हुआ हो तब मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेजा जाए। लेकिन अगर इनमें से कोई भी बात न हो तो मामला वहीं पर खत्म की जा सकती है, ताकि डॉक्टरों का अनावश्यक उत्पीड़न न हो।”

डॉ. एस.एस. अग्रवाल ने कहा कि एक ही डॉक्टर का पुलिस, उपभोक्ता अदालत, आयोग, अदालत और मेडिकल काउंसिल की नैतिक कमेटी द्वारा एक साथ उत्पीड़न और जांच करना ठीक नहीं है।

उन्होंने बताया कि आईएमए ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर एमसीआई कानून में संशोधन करके इसे और अधिकार दिए जाने की मांग की है।

मेडिकल लापरवाही की सार्वजनिक सुनवाई उचित नहीं : आईएमए Reviewed by on . नई दिल्ली, 5 जनवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों के विरुद्ध शिकायत निवारण फोरम के तहत 6 व 7 जनवरी को मुंबई के टाटा इंस्टीट नई दिल्ली, 5 जनवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों के विरुद्ध शिकायत निवारण फोरम के तहत 6 व 7 जनवरी को मुंबई के टाटा इंस्टीट Rating:
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