नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने बुधवार को कहा कि मेघालय में कांग्रेस के 17 में से 12 विधायक पार्टी में शामिल हो गए हैं. इन 12 विधायकों में पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा भी शामिल हैं.
विधानसभा में विपक्ष के नेता संगमा कथित तौर पर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से नाखुश चल रहे थे.
इस बीच कांग्रेस विधायक एचएम शांगप्लियांग ने राज्य में पार्टी के 12 विधायकों के तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल होने की बात कही.
टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि नए विधायकों के साथ आने से तृणमूल कांग्रेस राज्य में प्रमुख विपक्षी दल बन गई है.
सूत्रों ने कहा कि 2023 में मेघालय में होने वाले चुनावों को देखते हुए राज्य में टीएमसी के विकल्पों का पता लगाने के लिए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम के सदस्य शिलांग में हैं.
मेघालय प्रदेश तृणमूल कांग्रेस की औपचारिक शुरुआत 2012 में राज्य की 60 में से 35 सीटों पर चुनाव लड़ने के इरादे से की गई थी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के दिल्ली में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) नेतृत्व से मुलाकात के एक हफ्ते से भी कम समय बाद यह घटनाक्रम सामने आया है.
संपर्क करने पर संगमा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वह गुरुवार को कुछ ‘अच्छी खबर और घटनाक्रम’ की जानकारी देंगे.
अगस्त में विंसेंट एच. पाला को राज्य इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद से कांग्रेस की मेघालय इकाई में उथल-पुथल मची हुई है.
संगमा ने दावा किया था कि नियुक्ति उनकी सहमति के बिना की गई थी. संगमा सितंबर में पाला को सम्मानित करने के एक कार्यक्रम से दूर रहे थे.
रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने उन्हें शांत करने के लिए दिल्ली में संगमा से मुलाकात की, जिसके बाद उन्होंने दावा किया था कि मतभेदों को दूर करने के प्रयास जारी हैं.
इसके बाद 30 अक्टूबर के उपचुनाव में संगमा ने उन तीन निर्वाचन क्षेत्रों में से एक में कांग्रेस उम्मीदवार के लिए प्रचार किया था, जहां चुनाव हुए थे.
बीते 18 नवंबर को संगमा और पाला ने कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल और पार्टी के मेघालय प्रभारी मनीष चतरथ के साथ एक बैठक में भाग लिया था.
संपर्क करने पर चतरथ ने इस घटनाक्रम पर आश्चर्य जताया. उन्होंने कहा, ‘केसी वेणुगोपाल और मैंने, संगमा तथा विन्सेंट पाला, तीन कार्यकारी अध्यक्षों और राज्य के कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ पांच दिन पहले 18 नवंबर को सौहार्दपूर्ण बैठक की थी. संगमा ने उस बैठक के बाद पार्टी को मजबूत करने के लिए एक बयान भी जारी किया था.’
रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस विभाजन को रोकने के लिए अंतिम प्रयास कर रही है. लेकिन एक नेता ने कहा कि अब सुलह की संभावना कम है.
2018 के चुनावों में कांग्रेस 60 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 21 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. कॉनराड संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी एनपीपी को 19 और भाजपा को दो सीटें मिली थीं. हालांकि एनपीपी ने भाजपा समर्थित नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस के हिस्से के रूप में सत्तारूढ़ गठबंधन को एक साथ जोड़ने में कामयाबी हासिल की थी.मेघालय में 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं.
बहरहाल तृणमूल कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर अपना विस्तार करने के लिए आक्रामक प्रयास कर रही है. पार्टी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीते 23 नवंबर को कांग्रेस नेता कीर्ति आजाद, जदयू से निष्कासित नेता पवन वर्मा और हरियाणा कांग्रेस के पूर्व नेता अशोक तंवर को अपनी पार्टी में शामिल किया था.
कांग्रेस की पृष्ठभूमि वाले कई अन्य नेता पिछले कुछ महीनों में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए हैं. इनमें सुष्मिता देव, लुईजिन्हो फालेरियो और अभिजीत मुखर्जी प्रमुख हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, 2014 के बाद संगमा कांग्रेस छोड़ने वाले सातवें पूर्व मुख्यमंत्री हैं. हाल ही में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पार्टी छोड़ दी थी. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा (उत्तराखंड), दिवंगत अजीत जोगी (छत्तीसगढ़), एसएम कृष्णा (कर्नाटक), नारायण राणे (महाराष्ट्र) और गिरिधर गमांग (ओडिशा) ने पार्टी छोड़ दी थी.
कांग्रेस नेताओं का तृणमूल में शामिल होना एक ‘नाटक’: वेणुगोपाल
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने अपनी पार्टी के कुछ नेताओं के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने को ‘नाटक’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी इस तरह के प्रयासों से कमजोर नहीं होगी और उसे कोई खत्म नहीं कर पाएगा.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि पहले भी कांग्रेस को कमजोर करने का प्रयास किया गया, लेकिन यह सफल नहीं हुआ और आगे भी सफल नहीं होगा, क्योंकि यह पार्टी जनता के मुद्दे उठाती आ रही और उठाती रहेगी.
वेणुगोपाल ने कहा, ‘हमें इसकी चिंता नहीं है. अगर कोई सोचता है कि एक दिन कांग्रेस को खत्म कर देगा तो ऐसा कभी नहीं होगा. पहले भी कई लोगों ने यह कोशिश की थी.’
उन्होंने जोर देकर कहा, ‘हमारा मकसद स्पष्ट है कि हमें सरकार की जनविरोधी एवं गरीब विरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ना है.’
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘इसकी (कुछ नेताओं के कांग्रेस में शामिल होना) बहुत ज्यादा चिंता की जा रही है. यह सब महज नाटक है.’