न्यूयार्क, 13 फरवरी (आईएएनएस)। जानलेवा महामारी बनकर उभरी इबोला पर हुए एक नए अध्ययन के अनुसार इबोला के कारण मृत हुए व्यक्ति के शव से भी इबोला का संक्रमण संभव है।
अध्ययन में इबोला के संक्रमण से मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार में सावधानी बरते जाने पर विशेष बल दिया गया है।
अमेरिकी राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) के वैज्ञानिकों ने इबोला के कारण मरे पांच बंदरों से नमूने लिए, जिसमें उन्होंने पाया कि उनके मृत शरीरों में भी कम से कम सात दिनों तक इबोला के वायरस सक्रिय रहे।
उन्होंने मरने के 70 दिनों बाद भी शव में एक सक्रिय किंतु गैर-संक्रामक वायरस की पहचान की है।
वैज्ञानिकों ने मृत्यु के बाद वायरस की स्थिरता का परीक्षण करने के लिए शवों को पश्चिम अफ्रीका के वातावरणीय स्थिति के सदृश चैंबर में रखा।
इबोला से सबसे अधिक प्रभावित देशों में पश्चिम अफ्रीका के देश गिनी, लाइबेरिया और सिएरा लिओन शामिल हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक इस बीमारी से प्रभावित लोगों की ताजा संख्या 22,525 है और अब तक इस महामारी में 9004 लोगों की मौत हो चुकी है।