काहिरा, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। मिस्र की एक अदालत ने प्रतिबंधित मुस्लिम ब्रदरहुड समूह के मुख्य नेता मोहम्मद बादी तथा 13 अन्य सदस्यों को हत्या के लिए उकसाने के एक मामले में शनिवार को मौत की सजा सुनाई।
सरकारी समाचार एजेंसी, एमईएनए के मुताबिक, ब्रदरहुड के आध्यात्मिक नेता तथा अन्य 13 आरोपियों पर सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने के लिए समूह के सदस्यों को एकजुट करने के लिए एक नियंत्रण कक्ष (रब्बा ऑपरेशंस रूम) का संचालन करने का आरोप है। इसके अलावा, अगस्त 2013 में देश की राजधानी काहिरा में दो बड़े विरोध प्रदर्शनों के दौरान उनपर उपद्रव फैलाने का आरोप भी है।
रपट के मुताबिक, इसी मामले में ब्रदरहुड के 37 अन्य सदस्यों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई। हालांकि शनिवार के फैसले के खिलाफ अपील की जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि काहिरा के गीजा अपराध अदालत ने 16 मार्च को बादी तथा अन्य 13 आरोपियों की मौत की सजा को ग्रैंड मुफ्ती के पास भेज दिया था। ग्रैंड मुफ्ती देश का सर्वोच्च इस्लामिक अधिकारी है, जिनकी राय को आमतौर पर एक औपचारिकता मानी जाती है।
मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को जुलाई 2013 में सत्ता से बेदखल करने के बाद सैन्य समर्थित सरकार ने उनके समर्थकों पर व्यापक तौर पर दमनात्मक कार्रवाई को अंजाम दिया था, जिसमें एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे, जबकि हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
सरकार ने कहा था विरोध प्रदर्शन हिंसक था, क्योंकि भीड़ को तितर-बितर करने के दौरान दर्जनों पुलिसकर्मियों की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।