डीलास:नॉर्थ कैरोलिना विश्वविद्यालय परिसर में कथित आतंकवादी गरदिी से 3 युवा मुसलमान छात्रों को सरों पर गोलियां मारकर हत्या किए जाने वाले घटना के बाद अमरीकी राज्य टेक्सास के 2 शहरों अर्लिंग्टन ओर्डीनटन विश्वविद्यालयों में स्थानीय लोगों की ओर से हिजाब पहनने वाली छात्राओं को धमकियाँ देने और उन पर शस्त्र तानने के मामले सामने आए हैं।
विदेशी समाचार एजेंसी के अनुसार एक घटना पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में दर्ज किया जो विश्वविद्यालय टेक्सास अर्लिंग्टन में हुई।
मुस्लिम छात्रा ने रिपोर्ट में बताया कि परिसर में यात्रा के दौरान एक कार में बैठे व्यक्ति ने उसका पीछा किया और जब उसने अपनी कार पार्किंग में पार्क की तो उस व्यक्ति ने अपनी कार उसकी कार के पीछे पार्क की फिर उसने शस्त्र लहराते हुए धमकी दी कि यह देश छोड़ दे।
इसी तरह एक अन्य घटना में एक युवक ने छात्रा को कहा कि तुम अपने देश वापस जाओ या नॉर्थ कैरोलिना चली जाओ क्योंकि वे जानते हैं कि तुम लोगों से कैसा व्यवहार करना है।
मानवाधिकार का ढोंग रचाने वाले यूरोपीय देशों और अमेरिका अब कहाँ है जब खुद उन्हीं के देश में मुसलमानों को धमकियां दी जा रही हैं और मुस्लिम देशों के सत्ताधारी नेता भी खरगोश के सपने का मजे ले रहे हैं और इस मानवाधिकार हनन पर विरोध करने वाला कोई नहीं।ंमानवाधिकार संगठन और एनजीओ जो अमेरिकी कुत्ते की बीमारी पर खुद बीमार हो जाती हैं और उसकी याद में हर चौराहे पर मोमबत्तियां जलाना शुरू कर देती हैं वह अब इस अन्याय पर क्यों चुप हैं, क्या जीने का अधिकार केवल अमेरिकियों और पश्चिमी लोगों को ही है और दुनिया के बाकी देशों को यह अधिकार नहीं है।
अमेरिका खुद भी बड़ा आतंकवादी और शैतान है क्योंकि आतंकवादियों और शैतान का संरक्षक है, पूरी दुनिया में कहीं अलकायदा और कहीं तालिबान और कहीं आइएस जैसे संगठन बनाकर निर्दोष लोगों को नरसंहार करवाया और स्वतंत्रता के नाम पर खून बहाया और मखमली क्रांतियों में लोगों को मरवाने और बाकी कसर खुद उन्हें आतंकवादियों के उन्मूलन के लिए हमले करके निकाल दी और देशों की ईंट से ईंट बजा दी।
ओबामा की सम्मान भी अमेरिकी मुसलमान छात्रों की शहादत के तीन दिन बाद जागा और बयान दिया तो धार्मिक घृणा के आधार पर हत्या किए जाने वालों के बारे में कहा कि आगे से नस्लवाद के आधार पर हत्या नहीं किया जायेगा अर्थात धार्मिक आधार पर हत्या की जा सकती है क्या कोई है जो इस अत्याचार के खिलाफ बोले। जितना अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाओगे इतना ही बलिदान देना होगा।
सच टाइम्स की खबर अनुसार
सम्पादन-धर्मपथ टीम