• छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिये आरक्षण) अधिनियम-1994 में संशोधन करने हेतु छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिये आरक्षण) अधिनियम संशोधन अध्यादेश, 2019 के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इसके तहत अनुसूचित जाति वर्ग का आरक्षण 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 13 प्रतिशत एवं अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का अनुमोदन किया गया।
  • आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए छत्तीसगढ़ में लोक पदों एवं सेवाओं में तथा शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश में सीटों का 10 प्रतिशत आरक्षण करने का निर्णय लिया गया। इस संबंध में जनसंख्यात्मक जानकारी एकत्रित करने के लिये एक आयोग गठित किया जाएगा।
  • प्रदेश के कोरबा, कटघोरा, धरमजयगढ़ एवं सरगुजा वनमंडल क्षेत्र के अंतर्गत 1995.48 वर्ग किमी क्षेत्र में लेमरू हाथी रिजर्व गठित करने का निर्णय लिया गया। इस रिजर्व के अंतर्गत 142 गांव आएंगे। यह दुनिया में अपनी तरह का पहला एलीफेंट रिजर्व होगा जहां हाथियों का स्थायी ठिकाना बन जाने से उनकी अन्य स्थानों पर आवाजाही तथा इससे होने वाले जान-माल के नुकसान पर अंकुश लगेगा। वर्तमान में प्रदेश में कुल 237 हाथी हैं जो सरगुजा, बिलासपुर एवं रायपुर वन वृृत्तों में भ्रमण कर रहे हैं।
  • नक्सल प्रभावित क्षेत्र अबूूझमाड़ अंतर्गत बस्तर संभाग के जिला नारायणपुर, बीजापुर, तथा दंतेवाड़ा के लगभग 275 से अधिक असर्वेक्षित ग्राम स्थित हैं। इन ग्रामों का कोई भी शासकीय अभिलेख तैयार नहीं है। मंत्रिपरिषद द्वारा निर्णय लिया गया कि अबूझमाड़ क्षेत्र के असर्वेक्षित ग्रामों में वर्षों से निवासरत लगभग 50 हजार से अधिक लोगों को उनके कब्जे में धारित भूमि का मसाहती खसरा एवं नक्शा उपलब्ध कराया जाएगा। इससे किसान परिवारों के पास उनके कब्जे की भूमि का शासकीय अभिलेख उपलब्ध हो सकेगा तथा वे अपने काबिज भूमि का अंतरण कर सकेंगे। इस प्रकार अबूझमाड़ क्षेत्र अंतर्गत लगभग 10 हजार किसानों को 50 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि का स्वामित्व प्राप्त होगा।
  • छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण के माध्यम से खेल उत्कृष्टता केंद्र (खेल अकादमी) Sports Excellence Center (Sports Academy) के क्रियान्वयन का निर्णय लिया गया। सार्वजनिक क्षेत्र एवं निजी क्षेत्र के उद्योगों के कार्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व एवं अन्य संस्थाओं से प्राप्त सहायता से राज्य में उपलब्ध खेल संरचनाओं का उपयोग करते हुए खेल अकादमी का संचालन किया जाएगा।