श्रीनगर, 12 नवंबर (आईएएनएस)। कश्मीरी अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक ने गुरुवार को कहा कि जम्मू एवं कश्मीर एक ‘बहुत बड़ी जेल’ में बदल चुका है। उन्होंने राज्य में बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों की चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के इस्तीफे की मांग की।
श्रीनगर, 12 नवंबर (आईएएनएस)। कश्मीरी अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक ने गुरुवार को कहा कि जम्मू एवं कश्मीर एक ‘बहुत बड़ी जेल’ में बदल चुका है। उन्होंने राज्य में बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों की चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के इस्तीफे की मांग की।
मीरवाइज ने यहां संवाददाताओं से कहा, “बीते सात-आठ महीने से, कश्मीर में हालात बहुत खराब हुए हैं। दमन और असंतोष को दबाने की वजह से चिंताजनक हालात बने हैं। राज्य सरकार दिल्ली से निर्देश ले रही है और लोगों के साथ जंग में लगी हुई है।”
उन्होंने कहा कि लोगों के सामाजिक, धार्मिक और राजनैतिक अधिकारों को छीना जा रहा है। सरकार लोगों के सामने शांतिपूर्वक तरीके से भी बात नहीं रखने दे रही है। ताकत के बल पर कार्यक्रम रोक दिए जा रहे हैं।
हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज ने कहा, “हमें घरों में नजरबंद रखा जा रहा है। हमारे कार्यकर्ताओं और नौजवानों को गिरफ्तार किया जा रहा है। यह बंदूक की नली पर किया जा रहा शासन है।”
उन्होंने कहा कि मुफ्ती सईद का चुनाव पूर्व का शांति-संवाद का नारा खोखला निकला।
उन्होंने कहा, “सईद सत्ता में बने रहने का नैतिक हक खो चुके हैं। उन्होंने सारे अधिकारों को पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को सौंप दिया है। कश्मीर एक बड़ी जेल में बदल गया है, एक पुलिस राज्य बन गया है।”
मीरवाइज ने श्रीनगर के पुराने इलाकों में सुरक्षा बलों की कार्रवाई का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा यहां इस्तेमाल की जा रही मिर्च गैस सेहत के लिए खतरनाक साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि इस इलाके के लोगों के साथ यह सलूक प्रतिरोध आंदोलन से उनके भावनात्मक लगाव की वजह से किया जा रहा है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राज्य के लिए घोषित 80 हजार करोड़ के पैकेज पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कश्मीर का मसला आर्थिक या कानून-व्यवस्था का नहीं है। यह राजनैतिक मसला है जिसका राजनैतिक समाधान होना है। मोदी जान बूझकर इसकी अनदेखी कर रहे हैं।
मीरवाइज ने कहा कि मौजूदा हालात पर विचार के लिए उन्होंने 18 नवंबर को पार्टी मुख्यालय पर अलगाववादी, धार्मिक, व्यापारिक और छात्र नेताओं तथा नागरिक संगठनों की बैठक बुलाई है।
उन्होंने कहा कि अगर हालात नहीं सुधरे तो लोगों से सड़क पर आने की अपील की जाएगी।