नई दिल्ली, 23 नवंबर – हाल के वर्षो में खबरों की विश्वसनीयता को लेकर मीडिया विशेषकर इलेक्ट्रानिक मीडिया और सोशल मीडिया पर काफी सवाल उठे हैं। भ्रामक खबरों और उस पर लोगों, धार्मिक नेताओं की आक्रामक प्रतिक्रिया ने समाज को गलत दिशा दी है, जिसने सामाजिक सौहार्द्र को बिगाड़ने का काम किया है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए ‘सर्व धर्म संवाद’ और किंग अब्दुल्ला सेंटर फॉर डायलॉग (केएआईसीआईआईडी) संगठन ने सभी धर्मो के नेताओं के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 22 से 24 नवंबर तक आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य धार्मिक नेताओं को मीडिया की खबरों की विश्वसनीयता परखने तथा मीडिया से संवाद के लिए प्रशिक्षण देना है।
‘सर्व धर्म संवाद’ के अध्यक्ष मनु सिंह ने आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा, “हमारा संगठन पिछले आठ साल से सभी धर्मो के नेताओं को मतभेद भुलाकर काम करने के लिए प्रेरित कर रहा है, जिसका मकसद धर्म से ऊपर उठकर कन्या भ्रूण हत्या, नशामुक्ति, सांप्रदायिक सौहार्द्र की दिशा में काम करना है।”
मनु सिंह कहते हैं गत वर्ष मुजफ्फनगर में हुए दंगे को भड़काने में मीडिया और खासकर सोशल मीडिया की नकारात्मक खबर का भी योगदान रहा है और इसी बात ने खबरों की विश्वसनीयता को पेश करने तथा धार्मिक नेताओं को इस संदर्भ में प्रशिक्षित करने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा, “इस बार हमने विभिन्न धर्म के नेताओं के लिए एक मंच पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया है, जो कि यूनेस्को के पाठ्यक्रम का हिस्सा है। यह एक पायलट प्रशिक्षण है, जिसके जरिए उन्हें खबरों की विश्वसनीयता परखने तथा मीडिया में संवाद अदायगी के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।”
खबरों की विश्वसनीयता की जांच करने के लिए उनकी किस प्रकार मदद की जा रही है? इस सवाल पर मनु सिंह ने कहा, “हम उन्हें गूगल टूल उपलब्ध करा रहे हैं, जिसके जरिए वह खबरों के स्रोत और उसकी प्रामाणिकता का पता लगा सकते हैं।”
कार्यक्रम के दौरान 25 नवंबर को एक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया है। इस दौरान चर्चा में प्रमुख रूप से स्वामी अग्निवेश, लेखक और मुस्लिम नेता मोहम्मद आरिफ खान, सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज के अध्यक्ष डॉ.एन भास्कर राव हिस्सा लेंगे।
कार्यक्रम के दौरान करीब 50 धार्मिक नेताओं एवं संस्थाओं को मीडियाकर्मी और यूनेस्को के लिए काम कर चुकीं नीलिमा माथुर और केएआईसीआईआईडी के वियना स्थित संवाद केंद्र के माइक वाल्टनर प्रशिक्षण दे रहे हैं। इसमें प्रमुख रूप से ब्रह्मकुमारीज, आर्ट ऑफ लीविंग, भारत बचाओ आंदोलन, भारत ज्ञान, आर्य समाज, जमाते इस्लामी हिंद, सुन्नी जागरण, विश्व अहिसा संघ एवं नई दिल्ली गोलडाकखाना स्थित गिरजाघर के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।