काहिरा, 14 जनवरी (आईएएनएस)। मिस्र में संसदीय चुनाव मार्च में होने हैं और ऐसे में राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी की योजना देश में किसी नई राजनीतिक पार्टी का गठन नहीं करने की है। उन्होंने मंगलवार को विभिन्न पार्टियों के नेताओं और प्रतिनिधियों के साथ बैठक में यह घोषणा की, जिसे देश में राजनीतिक ध्रुवीकरण से बचने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, विभिन्न पार्टियों के नेताओं और प्रतिनिधियों के साथ दो दिनों तक बैठक करने के बाद सिसी ने कहा कि देश में राजनीतिक ध्रुवीकरण न हो, इसलिए वह राजनीतिक पार्टी का गठन नहीं करना चाहते। उन्होंने इस पर भी जोर दिया कि मार्च में होने वाले चुनाव से पूर्व सरकार किसी राजनीतिक गठबंधन या पार्टी के उम्मीदवारों की सूची का समर्थन नहीं करेगी।
स्वेज विश्वविद्यालय में राजनीतिक विज्ञान विभाग के प्रमुख गमल सलामा ने कहा, “यह राजनीतिक पार्टियों को आश्वस्त किए जाने के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि यदि राष्ट्रपति राजनीतिक पार्टी का गठन करते हैं तो अधिकांश संसदीय सीट आसानी से उनके खाते में चली जाएगी।”
सलामा ने कहा कि अधिकांश नेता अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए उनकी पार्टी में शामिल होने की कोशिश करेंगे। लेकिन राष्ट्रपति के इस आश्वासन से आगामी चुनाव में विभिन्न दलों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
मिस्र के आधुनिक इतिहास में सैन्य समर्थित पार्टी के राष्ट्रपति ही सरकार का नेतृत्व करते रहे हैं। इसके पहले नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) की सरकार थी, जिसका नेतृत्व दिवंगत राष्ट्रपति अनवर सदात और फिर होस्नी मुबारक ने किया था, जिन्हें बाद में सत्ता से बेदखल कर दिया गया। यह पार्टी हालांकि अब भंग हो चुकी है, लेकिन जब तक यह सत्ता में रही, इसने विपक्षियों को देश की राजनीति में कभी प्रभावी नहीं बनने दिया।
जनवरी 2011 से मिस्र में राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति बनी हुई है। मुबारक को सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद मिस्र में मुहम्मद मुर्सी की सरकार बनी थी, लेकिन उनके कार्यकाल में भी एक साल तक विरोध-प्रदर्शन होते रहे, जिसके बाद तत्कालीन सेना प्रमुख सिसी ने उनकी सरकार गिराकर जुलाई 2013 में सत्ता अपने हाथ में ले ली।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।