मुंबई, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। नौसेना के पूर्व कमांडर, कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में मृत्युदंड सुनाए जाने के बाद यहां पवई के हीरानंदानी गार्डन्स में उदासी का माहौल छा गया है। जाधव इसी आवासीय सोसायटी में स्थित सिल्वर ओक इमारत में अपने माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ रहते थे।
मीडिया में खबर आते ही सिल्वर ओक इमारत के निवासी और कई पड़ोसी हाथों में तख्तियां लिए परिसर में जमा हो गए।
पुलिस ने एहतियात के तौर पर परिसर के बाहर लगभग आधा दर्जन पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया है, और पुलिस के कुछ जवानों ने पांचवी मंजिल पर रह रहे जाधव के परिवार से मुलाकात की।
पड़ोसियों और मित्रों ने मीडिया से कहा कि यह बिल्कुल समझ से परे है कि जाधव खुफियागिरी या इस तरह की किसी गतिविधि में संलिप्त हो सकते हैं, जिसके लिए उन्हें दोषी ठहराया गया है।
एक पड़ोसी ने कहा, “वास्तव में भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्ति लेने के बाद वह अपना खुद का कारोबार खड़ा करने की कोशिश कर रहे थे। भारत सरकार को उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करने चाहिए।”
एक अन्य पड़ोसी सुब्रतो मुखर्जी ने कहा कि जाधव और उनका परिवार हमेशा सोसायटी के सदस्यों के मददगार रहे हैं और यहां तक कि मुखर्जी ने उनके माता-पिता से ही मराठी सीखी थी।
मुखर्जी ने कहा, “हम किसी सोसायटी से संबंधित किसी समस्या या मुद्दे के लिए उनसे संपर्क नहीं करते थे, लेकिन वह हमेशा मदद के लिए तैयार रहते थे।”
कुछ अन्य ने मांग की कि सरकार जल्द से जल्द उनकी रिहाई सुनिश्चित कराए।
जाधव का परिवार सांगली से है और उनके पिता सुधीर जाधव मुंबई पुलिस में एक अधिकारी थे, जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
सुधीर जाधव ने लगातार कहा है कि उनके बेटे को मामले में फंसाया गया है, लेकिन पाकिस्तानी सेना द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद उनके परिवार का कोई भी सदस्य सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं दिया।
जाधव (46) को कथित तौर पर तीन मार्च, 2016 को बलूचिस्तान में गिरफ्तार कर लिया गया था। पाकिस्तान प्रशासन का कहना है कि उन्होंने अपना नाम हुसैन मुबारक पटेल रख लिया था।
पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि जाधव को खुफियागिरी और विध्वंसक गतिविधियों में संलिप्तता तथा पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए गिरफ्तार किया गया था।