पार्टी सूत्रों के अनुसार, समन्वयकों से मंथन के बाद बसपा प्रमुख सेक्टर कमेटियों के प्रस्तावित ढांचे को अंतिम रूप दे सकती हैं।
मायावती जिला और विधानसभा कमेटियों को पहले ही हरी झंडी दे चुकी हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में राज्य की सत्ता से बाहर होने के बाद बसपा का प्रदर्शन लोकसभा चुनाव में भी बहुत अच्छा नहीं रहा था। पार्टी का कोई भी नेता लोकसभा चुनाव जीतने में सफल नहीं हो सका। दूसरे राज्यों में भी बसपा का जनाधार लगातार गिरा है।
पार्टी के गिरते आधार को फिर से मजबूती देने के लिए बसपा प्रमुख ने पहले ‘आपरेशन क्लीन’ चलाकर उन नेताओं को पार्टी से बाहर किया, जिन्होंने बसपा सरकार के रहते फायदे तो खूब उठाए, लेकिन सत्ता से बाहर होने के बाद संगठन के कार्यो में दिलचस्पी लेना बंद कर दिया था।
अपने इस अभियान में बसपा प्रमुख ने चार पूर्व सांसदों व कई पूर्व विधायकों सहित डेढ़ दर्जन से ज्यादा नेताओं को पार्टी से किनारे कर दिया था।
‘आपरेशन क्लीन’ पूरा होने के बाद मायावती ने पार्टी समन्वयकों में बड़ा फेरबदल कर संगठन का नए सिरे से गठन करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। उन्होंने साफ निर्देश दिए थे कि बसपा की सभी कमेटियों में कम से कम 50 फीसदी युवा चेहरों को स्थान दिया जाए। संगठन के गठन पर बसपा प्रमुख के दिशा-निर्देशों के अनुरूप होमवर्क करते हुए पार्टी समन्वयकों ने जिला और विधानसभा कमेटियों का प्रस्तावित ढांचा बसपा प्रमुख की पिछली लखनऊ यात्रा के दौरान प्रस्तुत किया था, जिसमें कुछ बदलाव के साथ वह इस पर अपनी सहमति दे चुकी हैं।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि अगले हफ्ते बसपा प्रमुख मायावती यहां आ रही हैं और वह 15 जून को संगठन को लेकर बैठक करेंगी। इस बैठक में सेक्टर कमेटियों के प्रस्तावित ढांचे पर चर्चा के बाद अंतिम रूप दिया जाना है।
जानकारों का कहना है कि जिला, विधानसभा और सेक्टर कमेटियों के गठन का काम पूरा होने के बाद मायावती वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटेंगी।