नई दिल्ली, 11 फरवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार(एनएसए) अजित डोभाल के बेटे विवेक डोभाल के व्यापारिक मित्र अमित शर्मा ने यहां एक अदालत में कहा कि कांग्रेस और कारवां पत्रिका द्वारा उनके(विवेक) खिलाफ लगाए गए आरोप ‘गलत और दुर्भावनापूर्ण’ हैं।
अपना बयान दर्ज कराते हुए, शर्मा ने कहा कि कांग्रेस नेता और कारवां पत्रिका के आलेख के लेखक द्वारा लगाए गए आरोप अपमानजनक हैं।
शिकायकर्ता के गवाह के रूप में, शर्मा ने अतिरिक्त महानगर दंडाधिकारी समर विशाल के समक्ष कहा कि आरोपों से विवेक डोभाल की छवि और करियर को नुकसान पहुंचा है।
उन्होंने कहा कि विवेक डोभाल एक ईंमानदार व्यक्ति हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब वह उनके व्यापारिक मित्र बने, तो उन्हें पता भी नहीं था कि विवेक के पिता कौन हैं।
उन्होंने कहा, “बाद में जब उनके पिता राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बने, तभी मैंने उनके पिता के बारे में जाना। विवेक ने शुरुआत से ही कह दिया था कि उनके पिता या पारिवारिक पृष्ठभूमि का इस्तेमाल व्यापारिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए।”
विवेक के एक और दोस्त निखिल कपूर ने भी शिकायतकर्ता गवाह के रूप में अपना बयान दर्ज करवाया और कहा कि आलेख पढ़कर वह काफी दुखी हो गए थे।
दोनों गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद, अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 22 फरवरी को मुकर्रर कर दी, जहां आरोपी को तलब करने को लेकर बहस होगी।
अदालत में जयराम रमेश, कारवां पत्रिका और आलेख के लेखक के खिलाफ विवेक डोभाल द्वारा दर्ज कराए गए मानहानि के एक मामले की सुनवाई हो रही थी।
विवेक डोभाल ने इससे पहले सुनवाई में कहा था कि आलेख में डोभाल परिवार को डी कंपनी बताया गया है, जबकि डी कंपनी भारत के सबसे वांछित अपराधी दाऊद इब्राहिम के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
विवेक डोभाल ने आरोप लगाया था कि आलेख के जरिए उनकी छवि और व्यापार को हानि पहुंचाने की कोशिश की गई और यह भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध है।