नई दिल्ली, 5 नवंबर (आईएएनएस)। मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए बॉलीवुड अभिनेत्री इलियाना डीक्रूज महिला सब्स्टेंस पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर इलियाना डीक्रूज ने अपने अवसाद और बॉडी डिसमॉर्फिक डिसऑर्डर के साथ संघर्ष की कहानी बयां की।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य सम्मेलन के 21वें संस्करण के चौथे और अंतिम दिन डॉ. सुनील मित्तल और प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री इलियाना डीक्रूज ने मानसिक स्वास्थ्य संबंधी संघर्ष की अपनी कहानी बयां की।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य सम्मेलन की आयोजन समिति के अध्यक्ष व सीआईएमबीएस इंडिया के निदेशक और इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट साइकेट्री के सह संस्थापक और पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुनील मित्तल ने कहा, “चिंता और अवसाद आम बात हैं। लगभग 6 करोड़ लोग भारत में अवसाद से ग्रस्त हैं। पहली चुनौती यह जानना है कि आप निराश हैं। लोग चुप रहकर झेलते रहत है, पछतावे के सहारे और उन्हें यह एहसास नहीं कि वे अवसाद से पीड़ित हैं।”
अपने अनुभव को साझा करते हुए अभिनेत्री इलियाना डी क्रूज ने कहा, “मैं हमेशा से एक बहुत ही आत्मचेतन व्यक्ति रही हूं। मैं हर समय खुद को कमजोर और दुखी महसूस करती थी। मुझे इसका पता तब तक नहीं चला जब तक मुझे मदद नहीं मिली यह जानने में कि मैं अवसाद और शारीरिक डिसमॉर्फिक बीमारी से पीड़ित हूं। मैं जो करना चाहती थी, वह सभी को स्वीकार करना था। एक समय पर मैंने आत्महत्या करने का विचार बनाया और चीजों को समाप्त करना चाहा। हालांकि बाद में सब बदला और मैंने खुद को स्वीकार किया, तब सब कुछ बदल गया। मुझे लगता है कि यह अवसाद से लड़ने की ओर पहला कदम है।”
इलियाना ने कहा, “अवसाद बहुत ही वास्तविक है। यह आपके मस्तिष्क में एक रासायनिक असंतुलन है और इससे पार पाने के लिए इलाज की जरुरत है। यह सोचकर वापस बैठ जाना कि यह ठीक हो जाएगा इससे बेहतर ही की सहायता लें।”
सम्मेलन के अंतिम दिन नोबल विजेता कैलाश सत्यार्थी और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन मौजूद रहे।
विश्व सम्मेलन का आयोजन मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों के सबसे बड़े वैश्विक गठबंधन वल्र्ड फेरडरेशन फॉर मेन्टल हेल्थ (डब्ल्यूएफएमएच), राष्ट्रीय स्वास्थ्य संघों, गैर-सरकारी संगठनों, नीति विशेषज्ञों और अन्य संस्थानों द्वारा किया गया। यह कार्यक्रम पहली बार सार्क क्षेत्र में हो रहा है।