न्यूयार्क, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। वैज्ञानिकों के एक अंतर्राष्ट्रीय समूह ने मानव आनुवंशिक विविधता की विश्व की सबसे बड़ी सूची तैयार की है।
प्रतिष्ठित शोध पत्रिका ‘नेचर’ में प्रकाशित दो शोध-पत्रों में इनका खुलासा किया गया है।
यह सूची शोधकर्ताओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी और उन्हें यह जानने में मदद देगी कि कुछ लोग विभिन्न रोगों के प्रति अधिक संवेदनशील क्यों होते हैं।
1,000 जीनोम प्रोजेक्ट के लिए शोधकर्ताओं ने अफ्रीका, पूर्वी और दक्षिणी एशिया, यूरोप और अमेरिका के 26 समुदायों के 2,504 लोगों के जीनोम का निरीक्षण किया।
जर्मनी के हीथलबर्ग में स्थित यूरोपियन मॉलिक्यूलर बायोलोजी लैबोरेटरी के वरिष्ठ शोधकर्ता जैन कोर्बेल के मुताबिक, “इससे पहले किसी भी शोध में विश्वभर के जन समुदायों की आनुवंशिक विविधता को इतने विस्तृत वर्णन के साथ नहीं देखा गया।”
शोध के अंत में वैज्ञानिकों ने मानव जीनोम में आठ करोड़ 80 लाख तरह की विभिन्नता का पता लगाया।
अध्ययन में ज्ञात हुआ कि सर्वाधिक आनुवंशिक विविधता अफ्रीकी जन समुदाय में होती है जो इस तर्क से मेल खाती है कि मानवों की उत्पत्ति अफ्रीका में हुई और अफ्रीका से स्थानांतरण से दुनिया भर में अन्य जन समुदायों का विकास हुआ।
सूचीबद्ध मानव जिनोम में विविधता की संख्या पहले से ज्ञात विविधता से दोगुनी है।
सूचि का प्रयोग मानव जीव विज्ञान और चिकित्सा के क्षेत्र में विभिन्न श्रेणियों में अध्ययन में इस्तेमाल हो सकती है।
इसके अलावा यह सूचि डीएनए में वंशानुगत भिन्नता का रोगों के खतरे और दवा के असर पर पड़ने वाले प्रभाव को जानने के लिए आधार साबित होगी।
शोधकर्ताओं में से एक अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के गोन्कालो एबेकसिस के मुताबिक, “अब हमारे पास एक संग्रह है जो दुनियाभर में आनुवंशिक भिन्नता की सीमा और विविधता का वर्णन करता है। अब हमें जानकारी है कि कौन से गुणसूत्र कभी-कभार ही बदलते हैं और कौन से विभिन्न जन समुदायों में बदलते रहते हैं।”