गुंडा तत्वों के विरूद्ध कार्रवाई के कड़े हों कानून, मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में हुई राज्य सुरक्षा परिषद की प्रथम बैठक
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज यहाँ राज्य सुरक्षा परिषद की पहली बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में सामान्य सुरक्षा परिदृश्य, पुलिस की क्षमता में वृद्धि और शिकायत निवारण के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की जानकारी दी गई। परिषद द्वारा सर्व सम्मति से गुंडा तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करने और अधिक कड़े कानूनों की जरूरत बतलायी गई।
बैठक में गृह मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता, मुख्य सचिव श्री आर. परशुराम, अपर मुख्य सचिव गृह श्री आई.एस. दाणी, पुलिस महानिदेशक श्री नंदन दुबे और राज्य सुरक्षा परिषद के अशासकीय सदस्य सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराधों को रोकने के लिए समय-सीमा में कार्रवाई, कड़े कानूनी प्रावधानों के साथ ही लोगों की मानसिकता में बदलाव के भी प्रयास जरूरी हैं। प्रदेश शासन द्वारा इस परिप्रेक्ष्य में कारगर कदम उठाये गये हैं। राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला का भी आयोजन करवाया जा रहा है।
बैठक में बताया गया कि महिलाओं के विरूद्ध अपराधों के निरंतर पर्यवेक्षण और रोकथाम के लिए जून 2012 में पुलिस मुख्यालय में महिला अपराध शाखा का गठन कर कार्रवाई की जा रही है। बलात्कार के प्रकरणों में 15 दिवस में चालान प्रस्तुत किए जाते हैं। जनवरी 2013 से प्रारंभ महिला अपराध हेल्पलाइन में अभी तक 3,875 शिकायत मिलीं। इनमें से अभी तक 3,828 शिकायत का निराकरण हो गया है। ग्रामीण अंचल में ग्राम स्तर पर कोटवार, ग्राम रक्षा समिति तथा शहरों में नगर सुरक्षा समिति के सदस्यों को जागरूक तथा संवेदनशील बनाने के लिए स्पेशल एक्शन प्लान जिलेवार बनाए गए हैं। विगत चार-पाँच माह में ही न्यायालयों द्वारा बलात्कार के प्रकरणों में 8 लोगों को फाँसी की सजा सुनायी गयी है।
आमजन की शिकायतों के निराकरण के लिए जन-सुनवाई कार्यक्रम, जिला शिकायत बोर्ड, टेली समाधान योजना और जन शिकायत निवारण विभाग के माध्यम से प्राप्त एक लाख 55 हजार 478 शिकायत में से एक लाख 55 हजार 463 शिकायत निराकृत की जा चुकी हैं। पुलिस द्वारा अवैध शराब व्यापार के विरूद्ध अभियान चलाकर 8,241 प्रकरण बनाए गये। एक करोड़ 58 लाख 51 हजार 210 रूपये का अर्थ दण्ड भी वसूला गया। प्रदेश में वर्ष 2008 से प्रारंभ चिन्हित अपराध योजना के तहत प्रकरणों में दंड का प्रतिशत 50 से बढ़कर 70 प्रतिशत हो गया है। प्रदेश में 21 हजार पुलिस बल की भर्ती की जाना है। इसमें 6 हजार पद पर भर्ती हो गई है। पाँच हजार पद की भर्ती प्रक्रिया प्रचलित है। शेष 10 हजार पद की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। प्रदेश पुलिस की प्रशिक्षण क्षमता भी लगभग ढाई गुनी हो गई है।
बैठक में नक्सल विरोधी अभियान, कानून एवं व्यवस्था की स्थिति, अपराध नियंत्रण, पुलिस बल और उसकी क्षमता में वृद्धि, प्रशिक्षण एवं उपकरणों के अर्जन आदि के प्रयासों की जानकारी दी गई।