मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए अनेक योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। महिलाओं की ज़िंदगी बदल कर उनके चेहरे पर मुस्कान लाना मेरी ज़िंदगी का मक़सद है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज बालाघाट जिले के मलाजखंड में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना सम्मेलन में शामिल हुए और 207 करोड़ रूपये के विकास कार्यों का भूमि-पूजन एवं लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री का जनजातीय वर्ग द्वारा पारंपरिक रूप नृत्य एवं वाद्य यंत्र के साथ स्वागत किया गया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोई भी बहन मजबूर नहीं रहेगी उन्हें मजबूत बनायेंगे। मैं अपनी बहनों की आँखों में आँसू नहीं आने दूँगा। उन्होंने कहा कि पूर्व के दशकों में बेटी का जन्म होने पर माता-पिता के चेहरे पर मायूसी दिख जाती थी। साथ ही बेटी की परवरिश, पढ़ाई और विवाह की चिन्ता सताने लगती थी।
गरीब वर्ग की इस व्यथा को दूर करने प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना शुरू की गई। महिला सशक्तिकरण के लिए प्रारंभ की गई योजनाओं और कार्यक्रमों से जहाँ बेटियों के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण बदला है, वहीं प्रदेश के लिंगानुपात में वृद्धि भी हुई है। बालाघाट प्रदेश के उन ज़िलों में शामिल है जहाँ लिंगानुपात बहुत अच्छा है। यहाँ बेटा और बेटी को एक समान नज़रिए से देखा जाता है। आज मुझे बहनों से मिले प्रेम और स्नेह से काफ़ी ख़ुशी हो रही है। बेटी की हर एक साँस माता-पिता के लिए होती है वह इन्हें कभी नहीं भूल सकती।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मैं आज ख़ुशी से कहता हूँ कि 44 लाख से भी अधिक लाड़ली लक्ष्मी मेरी बेटियाँ है, बेटी बोझ नहीं वरदान है। उन्होंने कहा कि संपत्तियों की रजिस्ट्री अब महिलाओं के नाम पर हो रही हैं। सरकार ने यह फ़ैसला लिया था की स्थानीय निर्वाचन में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाये। इसका असर यह हुआ है कि अब महिलाएँ पंच, सरपंच, पार्षद, जनपद, ज़िला पंचायत अध्यक्ष और सदस्यों के पद पर हैं और वे सरकार चला रही हैं।