एक अग्रणी पर्यटन स्थल के रूप में गोवा देश में ही नहीं बल्कि विश्वभर में अपना लोहा मनवा चुका है। गोवा विभिन्न तरह के सांस्कृतिक आयोजनों का गढ़ है, जहां अक्टूबर से लेकर मई महीने के दौरान बहुतायत में फेस्टिवल और कार्निवलों का आयोजन होता रहता है। गोवा पर्यटन स्थल के रूप में ही नहीं बल्कि वेडिंग डेस्टिनेशन से लेकर एडवेंचर टूरिज्म, डेल्फिक गेम्स 2016 और राष्ट्रीय उत्सव गोवा कार्निवल के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कमर कस चुका है।
इस संदर्भ में गोवा के पर्यटन मंत्री दिलीप पारुलेकर ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “गोवा को नई ऊंचाईयों तक ले जाने के लिए रोजाना नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। एडवेंचर टूरिज्म से लेकर वेडिंग टूरिज्म तक को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारत में पहली बार युवा डेल्फिक गेम्स का आयोजन हो रहा है, जिसकी मेजबानी गोवा कर रहा है, जो हमारे लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं है।”
गोवा में ई-पर्यटक वीजा सुविधा शुरू होने के बाद से पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। पारुलेकर कहते हैं, “दिसंबर 2014 में केंद्र सरकार ने ई-टूरिस्ट वीजा सुविधा (ईटीवी) शुरू की थी, जिससे राज्य के पर्यटन को खासा लाभ हुआ। शुरू में सिर्फ 43 देशों के लिए यह सुविधा शुरू की गई, लेकिन अब इसमें 113 देशों को शामिल किया गया है।”
गोवा में एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए हॉट ब्लून, डक बोट, सी-प्लेन आदि एडवेंचर गेम शुरू किए गए हैं। इसके अलावा हेलीकॉप्टर, पैराग्लाइडिंग, मोटराइज्ड पैराग्लाइडिंग, सेजवे टूर, बंजी जंपिंग, स्कूबा डाइविंग को दिलचस्प रूप में शुरू किया गया है। इस संबंध में उन्होंने बताया कि गोवा पर्यटन के लिए शुरू से ही लोकप्रिय है, लेकिन 2012 में उनके पदभार संभालने के बाद से पर्यटन राजस्व 10 प्रतिशत बढ़ा है।
गोवा में वेडिंग टूरिज्म के जरिए सर्वाधिक आय हो रही है। गोवा में ‘बीच वेडिंग’ की लोकप्रियता भी किसी से छिपी हुई नहीं है और इस लोकप्रियता को भुनाने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया गया है।
पारुलेकर कहते हैं, “गोवा ने पर्यटन के क्षेत्र में आईटीबी बेरलिम पटवा अवॉर्ड और कई अन्य अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं। गोवा में अक्टूबर से लेकर मई के दौरान फेस्टिवल और कार्निवल जोर-शोर से आयोजित होते हैं, जहां विश्व के कुछ बड़े देशों की तुलना में पर्यटकों की संख्या सर्वाधिक होती है।”
गोवा में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर पारुलेकर ने कहा कि यहां पर्यटकों, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं। देश के किसी अन्य राज्य की तुलना में गोवा में महिलाएं सर्वाधिक सुरक्षित हैं। सिर्फ फेस्टिवल व अन्य आयोजनों के दौरान ही सुरक्षा व्यवस्था कड़ी नहीं की गई है, बल्कि गोवा में महिलाएं 24 घंटे सुरक्षित हैं। यहां 676 लाइफ गार्ड के साथ वाटर एवं बीच पैट्रोलकर्मी और 117 अतिरिक्त बलों के साथ निगरानी दल, पर्यटन पुलिस तैनात हैं। गोवा में महिलाओं के लिए विशेष बस एवं टैक्सी सेवा भी शुरू की गई है।
गोवा ‘नाइटलाइफ’ में भी काफी सुरक्षित है और ‘नेशनल ज्योग्राफिक’ की दुनिया के शीर्ष 10 बेहतरीन ‘नाइटलाइफ’ शहरों की सूची में गोवा छठे स्थान पर है।
गोवा डेल्फिक गेम्स 2016 के जरिए कला और संस्कृति का उत्सव मना रहा है। पांचवां यूथ डेल्फिक गेम्स कला और संस्कृति के क्षेत्र में दुनिया का एकमात्र साझा मंच है, जिसका आयोजन पहली बार भारत में हो रहा है।
पारुलेकर कहते हैं कि इस बार गोवा कार्निवल का आयोजन छह से नौ फरवरी तक किया जाएगा, जिसका आयोजन ब्रिटेन के कला संगठन ‘बरुहाहा इंटरनेशनल’ के सहयोग से किया जा रहा है। इसके जरिए गोवा की विविधतापूर्ण विरासत को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा और गोवा के अतीत से पर्यटकों को रू-ब-रू कराया जाएगा।
उन्होंने कहा, “गोवा में एशिया के सबसे बड़े ‘ग्रेप एस्केपेड’ वाइन फेस्टिवल के आयोजन के जरिए भी दुनियाभर के वाइन प्रेमियों को अलग-अलग तरह के फ्लेवर की वाइन एक ही जगह पर पीने का मौका मिलता है। सैलानियों की मांग पर कुछ विशेष तरह की वाइन यहां तैयार भी की जाती है।”
गोवा में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘इको विलेज’ (पर्यावरण के अनुकूल गांव) बसाए जाने की संभावना पर भी विचार किया जा रहा है। इससे पर्यटकों को भीड़भाड़ वाले समुद्र तटों के स्थान पर ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन का मौका मिलेगा।
अमूमन, हर साल 30 लाख से अधिक सैलानी गोवा का रुख करते हैं, जिसे सरकार ने बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। उम्मीद की जा रही है कि गोवा कार्निवल और डेल्फिक गेम्स सरकार के इस लक्ष्य को पूरा करने की कसौटी पर खरा उतरेंगे।