मुंबई- शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बगावत का सामना कर रही अपनी पार्टी के पदाधिकारियों से शुक्रवार को बातचीत की और पार्टी तथा महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के अस्तित्व को लेकर जारी आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया.
शिवसेना, एकनाथ शिंदे के अलग होने और कई विधायकों के समर्थन से उनके एक विद्रोही गुट बनाने के बाद पार्टी के अंदर बगावत का सामना कर रही है.
शिंदे वर्तमान में शिवसेना के कम से कम 38 बागी विधायकों और 10 निर्दलीय विधायकों के साथ गुवाहाटी में ठहरे हुए हैं. उन्होंने दावा किया है कि उनके नेतृत्व वाला गुट ‘असली शिवसेना’है.
मध्य मुंबई के दादर में शिवसेना भवन में पार्टी की जिला इकाई के प्रमुखों और ‘संपर्क प्रमुखों’ को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए उद्धव ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास खाली कर दिया है, लेकिन उनका दृढ़ संकल्प बरकरार है.
उन्होंने कहा, ‘पहले भी पार्टी में विद्रोह होने के बावजूद शिवसेना दो बार सत्ता में आई. मैंने मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ खाली कर दिया है, लेकिन अपना दृढ़ संकल्प नहीं छोड़ा.’
ठाकरे ने कहा कि पिछले ढाई साल में उन्होंने अपनी खराब सेहत के साथ-साथ कोविड-19 महामारी से लड़ाई लड़ी, लेकिन विरोधियों ने इस स्थिति का फायदा उठाया.
समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, ठाकरे ने कहा, ‘मैं सत्ता का लोभी नहीं हूं. जो लोग कहते थे कि वे मर जाएंगे लेकिन शिवसेना नहीं छोड़ेंगे आज भाग खड़े हुए. बागी विधायक शिवसेना को तोड़ना चाहते हैं. अगर उनमें साहस है तो वे बालासाहेब और शिवसेना का नाम लिए बिना जनता के बीच में जाएं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘मेरे सिर और गर्दन में दर्द था, मैं सही से काम नहीं कर पा रहा था, मेरी आंखें नहीं खुल रही थीं लेकिन मैंने इसकी परवाह नहीं की. शिवाजी महाराज को हार का सामना करना पड़ा था लेकिन जनता हमेशा उनके साथ रही.’
एजेंसी के अनुसार, ठाकरे ने यह भी जोड़ा, ‘एकनाथ शिंदे के बेटे शिवसेना से सांसद हैं. मैंने उसके लिए सब कुछ किया. मेरे पास जो विभाग थे वो शिंदे को दे दिए, लेकिन वो मेरे खिलाफ कितने आरोप लगा रहे हैं. मैंने एकनाथ शिंदे के लिए क्या कुछ नहीं किया!’
शिवसेना नेता और मंत्री आदित्य ठाकरे मुख्यमंत्री के संबोधन के दौरान शिवसेना भवन में मौजूद थे.
शिंदे के विद्रोह के मद्देनजर उद्धव ठाकरे ने बुधवार रात दक्षिण मुंबई में अपना आधिकारिक आवास खाली कर दिया और उपनगर बांद्रा स्थित अपने पारिवारिक आवास चले गए.
उधर, शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने एक दिन पहले दिए गए अपने बयान से पटलते हुए शुक्रवार को कहा कि कोई भी राष्ट्रीय दल उनके संपर्क में नहीं है.
गुरुवार शाम को शिंदे ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने बागी विधायकों को संबोधित करते हुए ‘राष्ट्रीय दल’ के समर्थन का दावा किया था.
वीडियो में वह यह कहते हुए दिख रहे थे, ‘चाहे जो हो जाए, जीत हमारी होगी. एक राष्ट्रीय दल है, एक महाशक्ति…आप जानते हैं कि उन्होंने पाकिस्तान को मात दी. उस दल का कहना है कि हमने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है और उसने हमें हरसंभव मदद का भरोसा दिया है. उसने कहा है कि अगर आपको कुछ चाहिए तो हम आपको निराश नहीं करेंगे. जब भी आपको किसी सहायता की आवश्यकता होगी, हम देंगे.’
शिंदे से एक टीवी चैनल पर पूछा गया कि क्या भाजपा उनके समूह का समर्थन कर रही है, तो उन्होंने कहा, ‘बड़ी शक्ति का समर्थन मिलने से मेरा मतलब बालासाहब ठाकरे (शिवसेना के दिवंगत नेता) और आनंद दिघे से था.’
राज्य में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री शिंदे से जब पूछा गया कि महाराष्ट्र का राजनीतिक संकट कब खत्म होगा, तो उन्होंने कहा कि कुछ समय बाद सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा.
बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए विधानसभा उपाध्यक्ष के पास जाने के शिवसेना के कदम के बारे में पूछे जाने पर शिंदे ने कहा, ‘शिवसेना के 55 विधायकों में से 40 मेरे साथ गुवाहाटी आए हैं. लोकतंत्र में बहुमत और संख्याबल महत्वपूर्ण होता है. लिहाजा, किसी को भी हमारे खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है.’