मुंबई, 31 जनवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की ओर से शनिवार को कहा गया है कि बैंक महाराष्ट्र में ग्रामीण अधोसंरचना परियोजनाओं का वित्तपोषण करना चाहता है, क्योंकि राज्य में आगामी वित्त वर्ष के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र को ऋण की मात्रा 1,80,032 करोड़ रुपये होगी।
मुंबई, 31 जनवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की ओर से शनिवार को कहा गया है कि बैंक महाराष्ट्र में ग्रामीण अधोसंरचना परियोजनाओं का वित्तपोषण करना चाहता है, क्योंकि राज्य में आगामी वित्त वर्ष के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र को ऋण की मात्रा 1,80,032 करोड़ रुपये होगी।
नाबार्ड ने एक बयान में कहा, “महाराष्ट्र राज्य अधोसंरचना विकास योजना बना सकता है, जिसका वित्त पोषण नाबार्ड कर सकता है। राज्य को चाहिए कि ग्रामीण इलाकों में उन जिलों को प्राथमिकता देकर और राज्य की विशेष अधोसंरचना आवश्यकताओं के आधार पर अधोसंरचना विकास पर ध्यान केंद्रित करे।”
नाबार्ड के अनुसार, राज्य में क्रेडिट प्रवाह की संभावना पिछले वर्ष से दोगुनी है।
नाबार्ड द्वारा राज्य पर जारी एक अध्ययन पत्र में कहा गया है, “कृषि क्षेत्र में ऋण की संभावना 65,512.18 करोड़ रुपये होगी, जबकि गैर कृषि ऋण और अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्र की ऋण संभावना क्रमश: 62,141.96 करोड़ रुपये और 52,378.15 करोड़ रुपये है।”
इस अध्ययन में यह भी अनुमान लगाया गया है कि कृषि क्षेत्र के लिए संभावित ऋण 46,634.10 करोड़ रुपये होगा। अन्य गैर कृषि क्षेत्रों में भी ऋण की अच्छी संभावना है। इन क्षेत्रों में जल संसाधन में 4,059.44 करोड़ रुपये, कृषि मशीनीकरण में 2,640.06 करोड़ रुपये, पौध रोपण और बागवानी में 2,794.96 करोड़ रुपये और भंडारण में 1,706.52 करोड़ रुपये ऋण की संभावना है।
नाबार्ड ने कहा है कि चूंकि महाराष्ट्र में कुल बुवाई क्षेत्र का 18 प्रतिशत सिंचित है, लिहाजा इससे तत्परता के साथ निपटने की आवश्यकता है। राज्य में भंडारण गृहों का विकास भी एक अन्य प्राथमिकता है।