भागलपुर (बिहार), 1 सितंबर (आईएएनएस)। दो महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव वाले राज्य बिहार की ‘सिल्क सिटी’ यानी भागलपुर में मंगलवार को प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस की पटना में हुई स्वाभिमान रैली को ‘तिलांजलि सभा’ बताते हुए उन्होंने कहा कि इस रैली में जय प्रकाश नारायण, राममनोहर लोहिया और कर्पूरी ठाकुर के आदर्शो को उन्हीं के चेलों ने तिलांजलि दे दी।
भागलपुर के हवाईअड्डा मैदान में प्रधानमंत्री ने चौथे ‘परिवर्तनन रैली’ में आए हजारों लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि लोहिया जीवनभर कांग्रेस के खिलाफ लड़ते रहे। देश को बचाने के लिए जेलों में पहुंचते रहे, परंतु उनके चेले, सत्ता की खातिर राममनोहर लोहिया को छोड़कर गांधी मैदान में उनके साथ बैठे थे, जिनका लोहिया ने जीवनभर विरोध किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, “जेपी (जयप्रकाश) ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई छेड़ी थी, तब कांग्रेस की सरकार ने जेपी को जेल में बंद कर दिया था। पूरे देश को जेलखाना बना दिया था, जेपी की जेल में ऐसी हालत की गई कि बीमार हो गए और हमें उन्हें खोना पड़ा।”
उन्होंने कहा कि आज उन्हीं के चेले उसी कांग्रेस के लोगों के उन्हीं के साथ उसी गांधी मैदान में बैठे थे, जहां से उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई शुरू की थी।
भीड़ को देखकर उत्ससाहित मोदी ने कहा कि राजनीति के पंडित भी भीड़ को देख हवा रुख पहचान जाएंगे। मोदी ने कहा कि बिहार की जनता ने 25 साल बाद विकास के लिए वोट करने का मन बना लिया है। इस विकास यात्रा को अब कोई रोक नहीं सकता।
उन्होंने कहा, “कितने भी दल इकट्ठे हो जाएं, भ्रम फैलाए जाएं, झूठ चलाए जाएं लेकिन बिहार के लोगों ने बिहार को प्रगतिशील बनाने के लिए वोट करना तय कर लिया है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार और राज्यों के बीच पैसे का बंटवारा वित्त आयोग तय करता है। 14वें वित्त आयोग के अनुसार, आने वाले पांच वर्षो में केंद्र सरकार द्वारा बिहार को तीन लाख 74 हजार करोड़ रुपये मिलने वाले हैं। यह राशि बिहार को मिले विशेष पैकेज से अलग होगा। ऐसे में बिहार को पौने चार लाख करोड़ राज्य की तिजोरी में आने वाली है।
नीतीश द्वारा आगामी पांच वर्ष के घोषणापत्र (योजनाओं) पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए मोदी ने कहा कि कि केंद्र सरकार द्वारा 1.25 लाख करोड़ रुपये का बिहार को पैकेज देने के बाद 25 वर्ष तक संप्रदाय और जाति का जहर फैलाने वालों को भी मजबूरन 2 लाख 70 हजार करोड़ रुपये का विकास पैकेज लेकर आना पड़ा।
विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़े जाने की वकालत करते हुए मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार के पैकेज के बाद राज्य सरकार का पैकेज इसे बिहार का ही फायदा होना है। उन्होंने कहा, “दिल्ली सरकार और राज्यों के बीच विकास की स्पर्धा होनी चाहिए।”
मोदी ने हालांकि नीतीश के इस पैकेज को जनता के लिए छलावा बताते हुए कहा कि राज्य का बजट ही 50-55 हजार करोड़ होता है तो पांच वर्ष में यही खर्च करीब 2.70 लाख करोड़ तक पहुंचेगा।
उन्होंने नीतीश और लालू पर निशाना साधते हुए कहा, “नीतीश ने केंद्र सरकार से मिलने वाले पैसों की भी घोषणा अपने पैकेज में नहीं की। केंद्र से मिलने वाली राशि कहां जाएगी? क्या चारा के लिए पहुंचाया जाएगा?”
मोदी ने स्वाभिमान रैली में विकास योजना की बात न किए जाने पर तंज कसते हुए कहा कि रैली में ऐसी कोई बात नहीं हुई कि वोट क्यों देना चाहिए। सभी की एक ही बात थी, मोदी मोदी। उन्होंने कहा, “राजग की सभाओं और विदेशों में लोग तो मोदी मोदी करते हैं, लेकिन हैरान था कि ये भी मोदी मोदी कर रहे थे।”
रविवार को गांधी मैदान में जनता दल (युनाइटेड), कांग्रेस और राजद के महागठबंधन ने ‘स्वाभिमान रैली’ का आयोजन किया था, जिसमें सोनिया गांधी, लालू प्रसाद, नीतीश कुमार, शरद यादव, मीरा कुमार, गुलाम नबी आजाद सहित कई नेताओं ने हिस्सा लिया था।
मोदी ने कहा, “बिहार में विधानसभा चुनाव होना है। जिन्होंने 25 साल से बिहार पर राज किया है, उन लोगों को अपने कामकाज का हिसाब देना चाहिए। 2019 में जब लोकसभा चुनाव होगा, तो मैं फिर से आप लोगों के बीच वोट मांगने आऊंगा और मैं अपने पांच साल के काम का, हर पल का हिसाब दूंगा।”
मोदी ने आरोप लगाया कि भारत सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए बिहार सरकार को 521 करोड़ दिए, राज्य सरकार वह भी खर्च नहीं कर पाई। ऐसी सरकार को हटाना चाहिए।
उन्होंने 14 महीने बाद बिहार की याद आने संबंधी विपक्षियों की बात पर पलटवार करते हुए कहा कि नेपाल के भूकंप के समय बिहार के मुख्यमंत्री को उन्होंने ही फोन किया था और बिहार के हालात की जानकारी ली थी। उस समय बिहार के हर जिले की चिंता मुख्यमंत्री ने नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री ने किया था।
इसी तरह नेपाल से आने वाली बाढ़ के समय भी केंद्र सरकार के समय से पहले जागने और ‘बिहार प्रेम’ के कारण ही यहां की धरती को डूबने से बचा लिया गया।
नीतीश पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2015 तक सबको बिजली देने का वादा किया था, पर क्या सबको बिजली मिली? उन्होंने वादा खिलाफी की।
प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे मुख्यमंत्री से पिछले 25 वर्षो का हिसाब मांगें। इसके पूर्व मोदी ने मुजफ्फरपुर, गया और सहरसा में ‘परिवर्तन रैली’ को संबोधित कर चुके हैं।
रैली को संबोधित करते हुए लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने कहा कि चुनाव का बिगुल बज गया है और इस चुनाव में ऐसे लोगों को रोकना होगा, जो बिहार को फिर ‘जंगलराज’ में धकेलना का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नीतीश सत्ता के लिए आज उनसे हाथ मिला चुके हैं, जिनको कभी ‘जंगलराज’ के नाम पर कोसते हुए थकते नहीं थे। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को सत्ता में आने से रोकना होगा, तभी बिहार का विकास हो सकेगा।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि भागलपुर की रैली में आई भीड़ ने पिछले सारे रिकर्ड तोड़ दिए। उन्होंने कहा कि इस रैली में राज्य के केवल 10 जिलों के लोग थे, जिसने हकीकत दिखा दी।
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि आपने 45 साल कांग्रेस, 25 साल लालू-नीतीश को मौका दिया, इस बार भाजपा को भी मौका दीजिए।
मुख्यमंत्री द्वारा बिहार के विशेष पैकेज की आलेाचना किए जाने पर पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, “अगर मुख्यमंत्री में हिम्मत है तो एक लाख 25 हजार करोड़ वापस करके दिखाएं, जैसे कोसी में आई त्रासदी के समय गुजरात से आई पांच करोड़ की सहायता राशि उन्होंने वापस कर दी थी।”
पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतनराम मांझी ने कहा कि बिहार में विकास के लिए परिवर्तन जरूरी है। केंद्र सरकार द्वारा सवा लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया है तथा 40 हजार करोड़ रुपये और भी हैं। अगर भाजपा की सरकार नहीं आई तो नीतीश सरकार इन पैसों का दुरुपयोग करेगी।
मांझी ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, “नीतीश अहंकार में डूबे हैं। बिहार के साथ छल किया है। वर्ष 2010 में भाजपा के साथ सरकार बनाने का उन्हें अवसर दिया, लेकिन प्रधानमंत्री बनने के लिए उन्होंने भाजपा का साथ छोड़ दिया। तभी से बिहार में जंगलराज आ गया है।”