न्यूयॉर्क, 22 सितंबर (आईएएनएस)। वैज्ञानिकों ने मस्तिष्क कैंसर के घातक रूप ‘ग्लियोब्लास्टोमा मल्टीफॉर्म’ (जीबीएम) के इलाज का नया तरीका ढूंढ़ निकाला है।
एक शोध में वैज्ञानिकों ने पाया है कि कुछ विशिष्ट प्रकार के प्रोटीन को सक्रिय कर बेहद खतरनाक जीबीएम में कैंसर कोशिकाओं को फैलने से रोका जा सकता है।
जीबीएम वयस्कों को होने वाला सबसे आम मस्तिष्क का कैंसर है, जिसमें रोग के निदान के बाद मरीज बमुश्किल 15 महीने ही बच पाता है, क्योंकि सर्जरी, विकिरण तथा कीमोथेरेपी के बावजूद कैंसर कोशिकाएं प्रभावी ढंग से बच निकलती हैं और आसपास के स्वस्थ ऊत्तकों को प्रभावित करना शुरू कर देती हैं, जिस कारण उनका इलाज बेहद मुश्किल हो जाता है।
अध्ययन के लेखक व अमेरिका के ओहियो में युनिवर्सिटी ऑफ तोलेडो हेल्थ साइंस कैंपस में सहायक प्रोफेसर कैथरीन इसेनमैन ने कहा, “जीबीएम के नए इलाज की सख्त जरूरत थी।”
इसेनमैन ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि हमारा नया निष्कर्ष कैंसर के इस घातक रूप का प्रभावी ढंग से इलाज करने की ओर अग्रसर होगा।”
अध्ययन पहले की खोज बायोपेप्टाइड ‘डीएडी’ (डाइफेनस ऑटोरेग्लयुलेटरी डोमेन) तथा छोटे अणु ‘इंट्रामिमिक्स’ के अध्ययन पर आधारित था।
दोनों डीएडी व इंट्रामिमिक्स प्रोटीन के एक परिवार डीआईएपीएच या एमडीआईए को सक्रिय करते हैं, जो जीबीएम के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जाना जाता है।
नए अध्ययन में यह पाया गया कि डीएडी की सहायता से डीआईएपीएच को ‘ऑन’ स्थिति में लॉक करने से इंट्रामिमिक्स जीबीएम कोशिकाओं को मस्तिष्क के सामान्य ऊत्तकों पर आक्रमण से रोकता है।
शोधकर्ता उम्मीद कर रहे हैं कि वे जल्द ही इस नई खोज के प्रभाव का मूल्यांकन करेंगे, जिसके बाद इस तकनीक से मरीजों का इलाज किया जाएगा।
यह अध्ययन ऑनलाइन पत्रिका ‘मोलेकुलर बायोलॉजी ऑफ द सेल’ में प्रकाशित हुआ है।