कोलकाता, 5 जून (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शुक्रवार को ढाका के लिए रवाना हो गईं। वे यहां पर कोलकाता-ढाका-अगलतला बस सेवा के ‘फ्लैग ऑफ’ समारोह में शामिल होंगी। वह भूमि सीमा समझौते पर हस्ताक्षर की गवाह बनेंगी।
ममता बनर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ कोलकाता-ढाका-अगलतला बस सेवा को हरी झंडी दिखाएंगी और भूमि की अदला-बदली के क्रियान्वयन के लिए भूमि सीमा समझौते से संबंधित दस्तावेजों और नियमों के आदान प्रदान के समारोह में हिस्सा लेंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को बांग्लादेश दौरे के लिए रवाना होंगे।
भूमि अधिग्रहण समझौते के मुताबिक भारत सरकार बांग्लादेश को 17,160.63 एकड़ के 111 परिक्षेत्र सौंपेगा, जिसके बदले में बांग्लादेश भारत को 7,110.72 एकड़ के 51 परिक्षेत्र सौंपेगा।
राज्य विधानसभा परिसर में एक किताब के विमोचन के दौरान ममता बनर्जी ने कहा, “मैं एक एतिहासिक समझौते का गवाह बनने जा रही हूं। स्वतंत्रता के बाद से ही परिक्षेत्रों का विवाद चला आ रहा है लेकिन अब यह सुलझ गया है। दोनों ओर के परिक्षेत्रों में रह रहे लोगों को काफी पीड़ा और अपमान का सामना करना पड़ा।”
उन्होंने कहा, “हम बांग्लादेश के साथ अपने दोस्ताना रिश्तों को मजबूती देना चाहते हैं। हमने पहले ही कलकत्ता विश्वविद्यालय में एक बगबंधु (शेख मुजीबुर रहमान) चेयर (शोध प्रकोष्ठ) के गठन की घोषणा की है।”
ममता ने कहा, “अब जब हमने सुंदरबन में पर्यटन विकसित करने की पहल की है तो मुझे लगता है कि बंगाल और बांग्लादेश दोनों को मिलकर इसके लिए काम करना चाहिए, क्योंकि सुंदरबन दोनों देशों में फैला है।”
इससे पहले ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा के 75 वर्ष के उपलक्ष्य में ‘प्लेटिनम जुबली मेमोयर्स’ किताब का लोकार्पण किया।