भोपाल, 15 अप्रैल – कोरोनावायरस के संक्रमण के चलते देशव्यापी लॉकडाउन है, जिससे बड़ी संख्या में मध्य प्रदेश के मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। इन मजदूरों को राहत देने के मकसद से राज्य सरकार ने मजदूरों के खातों में एक-एक हजार रुपये की राशि जमा करने का फैसला लिया है। भाजपा के प्रदेश कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज ऑडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वी़ डी़ शर्मा, संगठन महामंत्री सुहास भगत सहित सांसदों, विधायगण एवं पार्टी के जिलाध्यक्षों से चर्चा के दौरान कहा कि राज्य के बाहर के प्रदेशों में फंसे मजदूरों के नाम, मोबाइल नंबर एवं बैंक खातों की सूची बनाने में प्रशासन की मदद करें। जैसे ही उनकी सूची प्राप्त हो जाएगी, मजदूरों के खातों में एक-एक हजार रुपये की सहायता राशि तुरंत भिजवा दी जाएगी। वे जहां हैं, वहीं से यह राशि निकाली जा सकेगी तथा उससे वे अपनी आवश्यक दैनिक जरूरतों की पूर्ति कर सकेंगे।
ऑडियो कांफ्रेंस के दौरान चर्चा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि “पूरी सरकार और संगठन परिश्रम के साथ कोरोना से युद्घ लड़ रहा है। मध्यप्रदेश में कोई भूखा न रहे, किसी को राशन की कमी नहीं आए, इसके लिए बड़े स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री दिन रात परिश्रम कर रहे हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।”
उन्होने आगे कहा, “प्रदेश के जो मजदूर बाहर के प्रदेशों में फंसे हुए हैं, उनको त्वरित राहत देने के लिए मुख्यमंत्री ने जो योजना बनाई है, उस योजना के क्रियान्वयन की दिशा में सभी सांसद विधायक और पार्टी के जिलाध्यक्ष त्वरित गति से कार्यवाही करें।”
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, “प्रदेश में कोरोना संकट से लड़ने के लिए टास्क फोर्स समिति की बैठक की गई है तथा आप सभी के सहयोग से कोरोना संकट पर जरूर विजय प्राप्त करेंगे। राज्य के कई मजदूर भाई बहन बाहर के प्रदेशों में फंसे हुए हैं। देश में तीन मई तक लॉकडाउन बढ़ाया गया है। दूसरे प्रदेशों में फंसे मजदूरों का ब्यौरा जल्दी से जल्दी एकत्रित करने में पूरा सहयोग करें। यह जानकारी संबंधित कलेक्टर और मुख्यमंत्री कार्यालय को तुरंत भिजवायें।”
चौहान ने कहा, “सूची प्राप्त होते ही राशि भिजवाने का काम प्रारंभ कर दिया जाएगा। बाहर फंसे मजदूर इस स्थिति में मध्यप्रदेश नहीं लौट सकते, उनकी आवश्यकताओं की वही पूर्ति करना हमारा दायित्व है। हम उन्हें तात्कालिक सहायता राशि उनके खाते में भिजवा देंगे। आवश्यकता होने पर यह सहायता दोबारा भी दी जा सकती है। साथ ही उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत करके वहां उनके भोजन, राशन, आश्रय आदि की व्यवस्था भी की गई है।”