भोपाल, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की पूर्व सांसद और पोलित ब्यूरो सदस्य सुभाषिणी अली सहगल ने यहां रविवार को कहा कि मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास दर लगातार गिर रही है और राज्य सरकार इन्वेस्टर्स समिट के नाम पर करोड़ों रुपये फूंक रही है, लिहाजा सरकार को करारनामों (एमओयू) के हश्र पर श्वेतपत्र जारी करने के साथ विफलताओं की जिम्मेदारी तय करनी चाहिए।
माकपा दफ्तर में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के एक भाजपा नेता व पूर्व मंत्री भी इन्वेस्टर्स समिट पर श्वेतपत्र जारी करने की मांग कर चुके हैं। इन्वेस्टर्स समिट का क्या हश्र रहा है, यह किसी से छुपा नहीं है। राज्य की औद्योगिक विकास दर गिर रही है, मगर मुख्यमंत्री शिवराज समिट के नाम पर विदेशों की यात्रा कर करोड़ों रुपये फूंक रहे हैं।
सुभाषिणी अली ने कुपोषण के चलते श्योपुर में हुई बच्चों की मौत का जिक्र करते हुए कहा कि ढाई दर्जन आदिवासी बच्चों की भूख से हुई मौतों ने शिवराज सरकार के कामकाज के तौर-तरीके की पोल खोलकर रख दी है।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण की घोषणा पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि यह दिखावटी घोषणा उन दैनिक वेतन भोगियों के साथ घिनौना मजाक है, जिनके आंदोलनों से उपजे वातावरण का लाभ उठाकर भाजपा ने वर्ष 2003 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार को सत्ता से हटवाया था।
सुभाषिणी अली ने कहा कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अपने समकक्ष सरकारी कर्मचारियों के अनुरूप नियमित किए जाने की मांग कर रहे थे। इसका अर्थ है एक समान वेतन व सुविधाएं मिलना, मगर शिवराज सरकार ने उनके साथ धोखेबाजी की है। एक तो पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा, वहीं ग्रैच्युटी को सीमा के बंधन में बांध दिया गया है।
बालाघाट में आरएसएस प्रचारक के साथ पुलिस द्वारा की गई मारपीट और उसके बाद पुलिस अफसरों पर हुई कार्रवाई का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस कथित दुर्व्यवहार के बहाने पुलिस बल व प्रशासन को डराने-धमकाने के लिए बड़े स्तर पर कार्रवाई की गई है। एसपी व टीआई का आनन-फानन में तबादला कर दिया गया।
सुभाषिणी ने कहा कि गृहमंत्री ने सभी थानों के लिए हुकुम जारी किया और इसकी सार्वजनिक घोषणा भी की गई कि सभी थाना प्रभारी अपने इलाकों के आरएसएस कार्यकर्ताओं के साथ परिचय करें। इसका संदेश यह था कि थानों का संचालन संघ की सलाह से किया जाए। यह संविधान व प्रशासनिक प्रणाली की धज्जियां उड़ाने जैसा ही है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा इंदौर में इप्टा के राष्ट्रीय सम्मेलन में हिंदुत्ववादी हुड़दंगियों का उत्पात दूसरी शर्मनाक आपराधिक घटना है। इस झड़प में इप्टा का एक कार्यकर्ता घायल भी हुआ है।