भोपाल, 29 फरवरी (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में विदेशी निवेशकों को लुभाने के लिए सरकार के दल बीते तीन वर्षो में सात देशों की यात्रा कर चुके हैं। इन यात्राओं पर लगभग सात करोड़ रुपये का खर्च आया, मगर निवेश नहीं आया है।
यह जानकारी सोमवार को विधानसभा में विधायक रामनिवास रावत द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने दी।
यशोधरा ने बताया कि सरकार के दल ने वर्ष 2014 में चार, 2015 में दो और वर्ष 2016 में तीन देशों की यात्राएं की हैं। इन यात्राओं पर छह करोड़ 87 लाख रुपये खर्च हुए हैं।
उन्होंने बताया कि इन यात्राओं के दौरान जी टू जी (गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट) करार हुए। इसके दो उद्देश्य होते हैं। सिर्फ एमओयू पर हस्ताक्षर करना नहीं होता, बल्कि अपने प्रदेश के बारे में विदेश में जाकर बताना होता है, प्रदेश की ब्रांडिंग, मार्केटिंग की जाती है।
मंत्री ने बताया कि जापान यात्रा के दौरान जी टू जी में जेट्रो (जापान एक्सटर्नल टेड ऑर्गनाइजेशन) के साथ एक एमओयू हुआ है, जिसमें 12 हजार करोड़ रुपये का कर्ज उपलब्ध हुआ है। जहां तक निवेश की बात है, तो वह अभी अपेक्षित है।
रावत ने आईएएनएस से चर्चा करते हुए कहा, “राज्य बीते तीन वर्षो से सूखे से जूझ रहा है, मगर हमारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने अफसरों के साथ विदेशों की सैर करते रहे हैं।”
विधायक ने कहा कि शिवराज ने जापान, ब्राजील, सिंगापुर, दुबई आदि देशों की यात्राएं की हैं। इन यात्राओं पर लगभग सात करोड़ रुपये खर्च किए जाने के बावजूद विदेश से कोई निवेश नहीं आया है, सरकार को सिर्फ उम्मीद है कि निवेश आएगा।