भोपाल, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के तीन राष्ट्रीय उद्यानों के बफर जोन में टाइगर सफारी योजना के तहत चल रहे निर्माण कार्यो पर पर्यावरण संरक्षण से जुड़े संगठन ‘प्रयत्न’ के सचिव अजय दुबे ने सवाल उठाए और इन निर्माण कार्यो को सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के विरुद्ध और बाघों की सुरक्षा के लिए खतरा बताया।
दुबे ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वन विभाग के प्रमुख सचिव को प्रमाणों के साथ शिकायत भेजकर निर्माण कार्यो पर रोक लगाने की मांग की है।
दुबे ने शुक्रवार को कहा, “वन विभाग की संस्था ‘मध्य प्रदेश इको टूरिज्म बोर्ड’ द्वारा कान्हा टाइगर रिजर्व, पेंच टाइगर रिजर्व और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बफर जोन में करोड़ों रुपये की टाइगर सफारी योजना के तहत अवैध निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने केवल कान्हा टाइगर रिजर्व के बाहर मंडला के वनो में टाइगर सफारी की सैद्धांतिक अनुमति दी थी। पेंच की अनुमति स्थगित किए जाने के बाद वन विभाग ने बांधवगढ़ के लिए अनुमति ही नहीं मांगी।”
दुबे ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को 13 सितंबर को निर्माण कार्यो की शिकायत की थी, जिस पर 23 सितंबर को प्राधिकरण के सदस्य सचिव ने मध्य प्रदेश के वन विभाग को चेताया।
दुबे का आरोप है कि इस मामले के सामने आने पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी ने एक अक्टूबर को लिखित में झूठी जानकारी देकर इस गंभीर अनियमितता को छुपाया।
दुबे ने सफारी योजना के तहत पर्यटन गतिविधियां बढ़ाने के मकसद से बफर जोन में चल रहे निर्माण कार्यो को बाघों की सुरक्षा के लिए खतरा बताया।
उन्होंने बाघ संरक्षण प्राधिकरण के दस्तावेजों के साथ मुख्यमंत्री और वन प्रमुख सचिव से शिकायत कर निर्माण कार्यो को तत्काल रोकने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी मांग की है कि दोषी अधिकारियों को चिन्हित किया जाए और झूठी जानकारी देने वाले अफसर पर कार्रवाई हो।