इंदौर, 29 जनवरी (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के इंदौर में बुधवार को स्मार्ट सिटी के विकास विषय पर राज्य सरकार ने इंग्लैंड के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया।
कार्यशाला में मुख्य सचिव एंटनी डिसा ने कहा है कि मध्य प्रदेश में स्मार्ट-सिटी के विकास के लिए ब्रिटिश सरकार सहित कई अन्य संस्थाओं (सीमेंस, सिस्को, डीएफआईडी आदि) का सहयोग लिया जाएगा। विजन-2018 में प्रदेश में चयनित स्थानों पर स्मार्ट-सिटी विकसित कर परंपरागत मूलभूत सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
डिसा ने आगे बताया कि स्मार्ट-सिटी का विकास सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर भी किया जाएगा। स्मार्ट-सिटी में पुराने शहरों का भी कायाकल्प किया जाएगा। पिछले वर्ष इंदौर में आयोजित वैश्विक निवेशकों के सम्मेलन में इसको लेकर सैद्धांतिक सहमति बनी थी।
मुख्य सचिव डिसा ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा देश में 100 स्मार्ट-सिटी बनाने की घोषणा के मद्देनजर मध्य प्रदेश अपने आप को तैयार कर रहा है। स्मार्ट सिटी के प्रारूप (कांसेप्ट) पर इंग्लैंड के सहयोग से कार्य-योजना तैयार की जा रही है।
कार्यशाला में शहरों को स्मार्ट बनाने तथा इसमें सभी भौतिक एवं आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने पर विचार किया गया।
डीएफआईडी के महानिदेशक (डायरेक्टर जनरल) डेविड केनेडी ने कहा कि शहरों के आर्थिक विकास के लिए स्मार्ट-सिटी जरूरी है। स्मार्ट-सिटी में पूंजी निवेश से व्यावसायिक गतिविधियां, रोजगार और आर्थिक विकास के अवसर बढ़ेंगे।
प्रमुख सचिव (नगरीय विकास और पर्यावरण) एस़ एऩ मिश्रा ने बताया कि स्मार्ट-सिटी में ई-नगरपालिका, ई-पेमेंट और संचार क्रांति का अभिनव प्रयोग किया जाएगा। कार्यशाला में ब्रिटेन के मार्शल ईलियट, रिचर्ड प्लास्टर एवं मध्य प्रदेश के अधिकारी मौजूद थे।